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शादी के एक साल तो प्रीति और चिराग के बीच फिर भी सब कुछ सही रहा पर दोनों की उम्र का अंतर उनकी विचारधारा में टकराता ही रहा।
प्रीति के पिता ने चिराग का रिश्ता आते ही बिना सोचे समझे इस संबंध के लिए हाँ कर दी। चिराग उस समय एक बड़ी विदेशी कंपनी में मेनेजर के पद पर काम करता था और 32 साल का था जबकि प्रीति उस समय 21 वर्ष की थी।
प्रीति की माँ ने अपने पति को दोनों की आयु के अंतर के बारे में समझाने की कोशिश भी की पर प्रीति के पिता इतने अच्छे लड़के को हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे।
शादी के एक साल तो प्रीति और चिराग के बीच फिर भी सब कुछ सही रहा पर दोनों की उम्र का अंतर उनकी विचारधारा में टकराता ही रहा। प्रीति की बातें चिराग को बचकानी लगती और प्रीति को चिराग के शौक और आदतें बड़े बूढों जैसे लगते। प्रीति का बात बात पर खिलखिलाना, सिनेमा देखने जाना, चाट पकौड़ी खाना और रंग बिरंगे कपड़े पहनना चिराग को वाहियात लगता।
वो समझना ही नहीं चाहता था कि ये प्रीति की बाली उम्र के शौक हैं और चिराग ये सब शौक दस साल पहले पूरे कर चुका है इसलिए उसे प्रीति पर बात बात पर गुस्सा आता और दोनों ने घुट घुट कर अपनी जिंदगी गुज़ारी।
‘मैं का करूँ राम मुझे बुड्डा मिल गया, हो बुड्डा मिल गया…’ संगम फिल्म का यह गाना सबने सुना ही होगा जिसमें अभिनेत्री वैजयंतीमाला अपने पति को रिझाने के लिए गाना गाती है और नृत्य भी करती है।
यह तो सिनेमा की बात है जिसमें फ़िल्मी किरदार नोंक-झोंक करते नज़र आते हैं पर वैवाहिक संबंधों में जब उम्र का अधिक अंतर होता है तब न जाने कितनी समस्याओं का जन्म होता है।
कहते हैं शादी प्रेम का बंधन है और इस रिश्ते में आपसी विश्वास और सामंजस्य जरुरी है नहीं तो इस पवित्र रिश्ते में जहर घुलते देर नहीं लगती है। हमारे भारतीय समाज में विवाह करते समय अनेक बातों का ध्यान रखा जाता है जिसमें से एक एज-गैप भी है।
जीवन का के अहम फैसलों में से एक है शादी, जो आमतौर पर सभी सोच समझ कर करते हैं। जब भी पारंपरिक रूप से शादी की जाती है तो उसमें पति का पत्नी से बड़ा होना ज़्यादातर सही माना है और घर वाले जब लड़की पसंद करने जाते हैं तो इस बात का ध्यान रखते हैं कि बहू उनके बेटे से छोटी हो। अब हम इस बात पर ज़्यादा नहीं रुकेंगे क्यूंकि शादी की बदलती परिभाषा के साथ-साथ आज कोई भी उम्र में छोटा-बड़ा या बराबर हो सकता है।
लेकिन पुराने समय में बड़े-बुज़ुर्ग इस बात पर विशेष जोर देते थे कि शादी करते समय लड़का दुल्हन से बड़ा होना चाहिए। माता पिता भी कमाऊ लड़का ढूँढ़ते समय उसकी उम्र वाली बात पर अधिक ध्यान नहीं देते।
शादी के समय उम्र में अंतर को लेकर हमेशा तरह-तरह की बातें होती ही रहती हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं, इस सोच के अनुसार अगर पति-पत्नी में 4 से 5 साल का अंतर हो तो वह आदर्श माना जाता है और उसके कई कारण हमारे समाज में सदियों से प्रचलित भी हैं। पर जब यही अंतर 10 वर्ष या उससे भी अधिक होता है तो अनगिनत समस्याओं का कारण बन सकता है।
जिन जोड़ों के बीच उम्र का बहुत अधिक अंतर होता है उन्हें अनेक सामाजिक अड़चनों का भी सामना करना पड़ता है और उनके बारे में समाज में कुछ न कुछ बात होती रहती हैं। हमारे समाज की विडंबना है कि शादी के लिए वधु ढूँढते समय लड़की कितनी भी छोटी हो किसी को कोई दिक्कत नहीं होती, कभी-कभी तो वर से बहुत छोटी आयु की दुल्हन भी लोग ख़ुशी ख़ुशी ले आते हैं और किसी को अटपटा भी नहीं लगता। लेकिन ये बात कभी वर के लिए लागू नहीं होती!
आज भी हमें ऐसे हजारों जोड़े मिल जाते हैं जहाँ दस वर्ष का अंतर देखने मिल जाता है।
ऐसा माना जाता है कि शादीशुदा जोड़ों पर उनकी उम्र का बहुत असर पड़ता है। ऐसा भी माना जाता रहा है कि लड़कियों में लड़कों से जल्दी परिपक्वता आ जाती है। जिसके कारण उनमें सोचने-विचारने की क्षमता और समझदारी जल्दी आ जाती है। लेकिन ये भी सामाजिक धारणा हो सकती है, क्यूँकि हम सिर्फ अपनी बेटियों को ‘बड़ा’ होना सीखते हैं, अपने बेटों को नहीं।
साथ में सामाजिक कारण भी होते हैं, यदि एक ऐसे जोड़े का विवाह हो जाए, जिसमें लड़की उम्र में ज्यादा बड़ी हो या लड़का अधिक बड़ा है तो उनके विचारों में अंतर आता है। अधिक उम्र का अंतर होता है तो पति-पत्नी को आपस में सामंजस्य बैठाने में कठिनाई हो सकती है।
एक सही अंतर होने से दोनों को एक-दूसरे को समझने में आसानी रहती है और वे अपनी समझदारी से एक-दूसरे के साथ अपना जीवन सुखपूर्वक व्यतीत करने में सक्षम होते हैं। ये तो आप भी मानते हैं न?
शारीरिक संबंध की गर्मजोशी किसी भी वैवाहिक रिश्ते की सफलता या असफलता के मुख्य कारणों में से एक है। ज़रा सोचिये अगर दोनों एक दूसरे का शारीरिक संबंधों में साथ ही न दे पाएँ तो क्या उन संबंधों में ताजगी रहेगी?
उम्र का ज्यादा अंतर होने से पति-पत्नी के शारीरिक संबंध सही नहीं रहते क्योंकि अधिक उम्र होने की वजह से भी एक पार्टनर की संबंधों के प्रति उदासीन हो सकती है और दूसरा पार्टनर अपने अंदर घुटता ही रहता है। विशेष तौर से लड़कियाँ ऐसी बातें किसी से साझा नहीं कर पाती और पूरा जीवन रोते-रोते गुजार देती हैं।
अमेरिका के एमोरी विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर एंड्रयू फ्रांसिस और ह्यूगो मियालॉन, दोनों ने एक अध्ययन में 3,000 से अधिक विवाहित वयस्कों का सर्वेक्षण किया था और इस अध्ययन में पाया गया कि जिन जोड़ों के बीच उम्र का अंतर जितना कम होता है उनका साथ उतना ही लंबा होता है लेकिन इसके विपरीत जिन जोड़ों के बीच उम्र का अंतर जितना ज्यादा है उनके बीच तलाक होने की संभावना उतनी ही ज्यादा बढ़ जाती है।
तो शादी का फैसला करते समय दोनों की आयु का भी विशेष ध्यान रखें और उम्र का एक आदर्श अंतर ही रखें नहीं तो पूरा जीवन पति पत्नी मुश्किलों से ही जूझते रहेंगे।
लड़की छोटी ही होनी चाहिए इस मानसिकता को बदलने का अब समय आ गया है। अब ऐसे बेमेल संबंध रुकने चाहिए और कोशिश हो कि लड़का और लड़की की आयु बराबर की हो उसमें ऐसे इतने सालों का अंतर न हो।
मूल चित्र: Still from short film Shaadi, MR Productions/YouTube
I am Shalini Verma ,first of all My identity is that I am a strong woman ,by profession I am a teacher and by hobbies I am a fashion designer,blogger ,poetess and Writer . मैं सोचती बहुत हूँ , विचारों का एक बवंडर सा मेरे दिमाग में हर समय चलता है और जैसे बादल पूरे भर जाते हैं तो फिर बरस जाते हैं मेरे साथ भी बिलकुल वैसा ही होता है ।अपने विचारों को ,उस अंतर्द्वंद्व को अपनी लेखनी से काग़ज़ पर उकेरने लगती हूँ । समाज के हर दबे तबके के बारे में लिखना चाहती हूँ ,फिर वह चाहे सदियों से दबे कुचले कोई भी वर्ग हों मेरी लेखनी के माध्यम से विचारधारा में परिवर्तन लाना चाहती हूँ l दिखाई देते या अनदेखे भेदभाव हों ,महिलाओं के साथ होते अन्याय न कहीं मेरे मन में एक क्षुब्ध भाव भर देते हैं | read more...
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