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माँ, याद हैं ना वो दिन तुमको…

जब बेटी हुयी तब मैंने जाना क्यों तुम मुझ में अपने आप को खोजती थी, क्यों तुम इतने लाड से, इस रिश्ते को सींचती थी, क्यों मैं तुम्हारी...

जब बेटी हुयी तब मैंने जाना क्यों तुम मुझ में अपने आप को खोजती थी, क्यों तुम इतने लाड से, इस रिश्ते को सींचती थी, क्यों मैं तुम्हारी…

मम्मा याद है मुझे, पहली साड़ी तुम्हारी ही पहनी थी मैंने
तुमने ही पहनाई थी, तुम्हारी माँ की साड़ी थी
मजेंटा सिल्क पर सफ़ेद सीपियाँ सजी थीं

कितना संवारती सजाती रहती थी तुम मुझे हमेशा
जैसे तुम्हारी गुड़िया थी मैं
मेरी पतले घुंगराले बालों को मढ़ती रहती थीं तुम हेरस्टाइल में…कोशिश करती रहती थी
मेरी लिए कपड़े बनवाती रहती थी, एक से बढ़कर एक

मम्मा याद है मुझे, कैसे मेरी फरमाइशें पूरी करती थी तुम
देर सबेर सब ला देती थी
मैं बोल के भूल जाती थी
तुम भूल के भी नहीं भूलती थी

मेरी सबसे पक्की सहेली थी तुम
और तुम्हारी मैं
हम दोनों बातें करते थे, ढेरों बेहिसाब
मम्मा याद है मुझे, तुम मेरी कितनी तारीफ़ करती थी
जैसे जान फूकती थी मुझमें, रोज़ाना

मम्मा याद है मुझे, मेरी बिदाई में कितना रोई थी तुम
मुझसे भी ज़्यादा
जैसे कलेजे को अपने अलग कर रही थी खुद से
मुझसे अलग होकर जीना कहाँ सीखा था तुमने
और कहाँ सीखा था मैंने तुमसे दूर जाना

तुम्हारे बचपन की कहानियां जो तुम्हे ज़ुबानी याद थी
अब मुझे ज़ुबानी याद हैं
तुम इतनी बार सुनाती थी
मम्मा याद है मुझे, किस्से कहानियों का कितना शौक था तुम्हे
रज रज कर तुम बतलाती थी

मम्मा याद है मुझे, मेरी बेटी के जनम पर तुम अमेरिका आयी थी
कितनी खुश थी तुम, और तुमसे भी ज़्यादा मैँ
कि कुछ समय बिता पायी तुम्हारे साथ
शिकागो में तुम्हारा प्यार दुलार बरसा था मुझपर
कितने खुशकिस्मत थे वो दिन जो तुम्हारे आँचल में गुज़ारे

तब कहाँ समझती थी मैं ये बातें
कहाँ प्यार की गहराई नाप पाती थी
जब बेटी हुयी तब मैंने जाना
क्यों तुम मुझ में अपने आप को खोजती थी
क्यों तुम इतने लाड से, इस रिश्ते को सींचती थी
क्यों मैं तुम्हारा प्रतिबिम्ब थी
और तुम मेरी खुशियों की सूत्रधार

तुम कैसे चहकती थी मेरी हर एक कामयाबी पर
बलाएं ले लेती थी मेरी, मुझपे इतराती थी
कितना विश्वास रखती थी मेरी हर कविता पर
मम्मा याद है मुझे…

मूल चित्र : Still from Short Film Beans Aloo/Blush, YouTube 

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Daisy Bala

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