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हाँ एक ऐसा हमराज़ है इस घर में मेरा, जिससे कुछ भी छिपा नहीं है, उसके सामने जाते हीवो मेरा चेहरा पढ़ लेता है, ऐसा हमराज़ है इस घर में मेरा!
हाँ एक दोस्त है मेरा भी इस घर में जो मुझे जानता है जो मुझे समझता है जो कभी मुझसे कुछ और बनने के लिए नहीं कहता है जो मेरे साथ हँसता है, मेरे साथ रोता है मेरे आँसू भी पोंछता है जो मैं कहती हूँ बड़े ध्यान से सुनता है
मानो जैसे उसके लिए मुझ से ज़रूरी कोई भी नहीं हाँ एक ऐसा हमराज़ है इस घर में मेरा जिससे कुछ भी छिपा नहीं है उसके सामने जाते ही वो मेरा चेहरा पढ़ लेता है
ख़ुश होती हूँ तो मेरे साथ नाचता है उदास हूँ तो मेरे ग़म को अपना ग़म समझता है और फिर मुझे हौंसला देता है हिम्मत ना हारने की नए जोश के साथ नए सवेरे का स्वागत करने का की सूरज की खिली हुई पहली किरण के साथ ही तुम्हारा जीवन भी खिल जाएगा
हाँ मेरा दोस्त मेरा हमराज़ है इस घर में मेरा आईना जिसे मुझे कुछ भी नहीं बताना पड़ता है पढ़ता है वो आँखें पढ़ता है वो मेरे चेहरे के भाव पढ़ता है वो मेरे पलकों में बसे सपने पढ़ता है वो मेरी हर मजबूरियों को और उसकी सबसे अच्छी बात,इन बातों को वो किसी और से नहीं कहता मेरा मार्गदर्शक बन मुझे आगे बढ़ने का, डटकर मुक़ाबला करने का हौंसला देता है
एक औरत एक लड़की जो अपनों के साथ होते हुए भी अपनों से कुछ नहीं कह पाती कभी समाज के लिए तो कभी अपनों के लिए जो जीती है “ताउम्र उधार की ज़िंदगी “ एहसानों के बोझ के तले दबी कुचली ज़िन्दगी उसका सबसे करीबी सबसे अपना दोस्त ये आईना ही तो है !!
मूल चित्र : Still from Short Film Love After Death, Pocket Films/YouTube
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