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"साड़ी स्मार्ट ड्रेस नहीं" मानने वाले इस रेस्तरां ने इनकी एंट्री रोकी! प्रश्न है कि महिलाओं के परिधान को कब तक निशाना बनाया जाएगा?
“साड़ी स्मार्ट ड्रेस नहीं” मानने वाले इस रेस्तरां ने इनकी एंट्री रोकी! प्रश्न है कि महिलाओं के परिधान को कब तक निशाना बनाया जाएगा?
हमारे समाज में महिलाएँ अपने परिधान को लेकर हमेशा निशाना बनती रही हैं। कभी पाश्चात्य कपड़े पहनने पर तो कभी भारतीय परिधान को लेकर उन्हें कुछ न कुछ सहना ही पड़ता है।
हमारा समाज चाहे कितना भी आधुनिक हो जाए कहीं न कहीं महिलाओं के वस्त्रों को लेकर समाचार में सुर्खियाँ बनती ही रहती हैं। समाज इस बात की स्वतंत्रता उन्हें कब देगा कि वो जो चाहें जहाँ चाहें, अपनी मर्ज़ी के वस्त्र पहन सकती हैं।
पुरुषों के परिधान को लेकर ये सवालिया निशान कम ही नज़र आते हैं, पर महिलाओं के वस्त्रों पर छींटाकशी से लेकर नियम कानून तक बनते ही रहते हैं कभी ये नियम धर्म के ठेकेदार बना देते हैं तो कभी संस्कृति की दुहाई देने वाले तो कभी आधुनिकता का दिखावा करने वाले।
ऐसी ही एक घटना 19 सितंबर 2021 को नई दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में हुई जिसमें एक महिला पत्रकार को साड़ी पहनने के कारण प्रवेश नहीं दिया गया। “साड़ी स्मार्ट आउटफ़िट नहीं है” यह कहकर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया।
पत्रकार अनीता चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट भी की और लिखा कि इस रेस्टोरेंट की गेट मैनेजर ने उन्हें कहा कि साड़ी स्मार्ट आउटफ़िट में नहीं आती है इसलिये उन्हें एंट्री नहीं दी जा सकती।
19 सितंबर, 2021 को अनीता अपनी बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए अंसल प्लाजा में एक्विला रेस्तरां पहुंची, जहां उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया, क्योंकि उन्होंने साड़ी पहनी हुई थी। उनके अनुसार, रेस्टोरेंट में काम करने वाली कर्मचारी ने उन्हें “साड़ी ‘स्मार्ट कैजुअलड्रेस कोड ‘ के तहत नहीं आती और इसलिए आपको अंदर जाने नहीं दिया जाएगा”, कह कर रोक दिया। इस पर अनीता ने कहा कि आप मुझे यह लिखित में दीजिए।
ये सभी बातें अनिता ने अपने फेसबुक पर साझा कीं और इसके बाद यह खबर वायरल हो गई। अनीता ने कहा कि हमारे देश में अगर साड़ी को स्मार्ट आउटफ़िट नहीं माना जाता तो हमारी तो हमारी सभ्यता का क्या? उन्होंने कहा कि ये सिर्फ़ उनकी लड़ाई नहीं है बल्कि साड़ी की लड़ाई है।
इस विडियो को देखते ही लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी आरंभ हो गईं। कुछ लोग भारत में रहते हुए साड़ी पहनने पर रोक लगाने वाले रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्यवाही की माँग कर रहे हैं।
साड़ी पे कहीं आप भी शर्मिंदा तो नहीं ? Do you also think Really #saree is not a smart outfit?https://t.co/18nuzKLQLh#ArnabGoswami #RepublicBharat #DelhiPolice #ArvindKejriwal #PmModi #RahulGandhi #rajnathsingh #AnitaChoudhary pic.twitter.com/aUCeTefxNL — anita choudhary (@anitachoudhary) September 20, 2021
साड़ी पे कहीं आप भी शर्मिंदा तो नहीं ? Do you also think Really #saree is not a smart outfit?https://t.co/18nuzKLQLh#ArnabGoswami #RepublicBharat #DelhiPolice #ArvindKejriwal #PmModi #RahulGandhi #rajnathsingh #AnitaChoudhary pic.twitter.com/aUCeTefxNL
— anita choudhary (@anitachoudhary) September 20, 2021
बाद में इस मामले में अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक पत्र भेजा और पूरे मामले की जाँच करके उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।
दूसरी ओर रेस्टोरेंट ने इन बातों का खंडन किया है और कहा कि उनके कर्मचारी ने ऐसा कहा लेकिन महिला ने बातों को गलत ढंग से फैलाया। उनकी तरफ से भी इंस्टाग्राम पर बताया गया कि इनमें से कुछ आरोप बेबुनियाद हैं और इस महिला के द्वारा विडियो का केवल कुछ हिस्सा ही दिखाया गया है। महिला पत्रकार उनके कर्मचारियों से झगड़ रही थी और उसने रेस्टोरेंट के एक मैनेजर को थप्पड़ भी मारा था। ये उनके सीसीटीवी फुटेज में रेकॉर्डेड है।
पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कहीं जींस पहनने पर लोग मंदिरा बेदी को ट्रोल करने लगते हैं, तो कहीं सर न ढकने पर और कहीं साड़ी को पुरानेपन की निशानी कह कर।
यह बात समझने की आवश्यकता सभी को है कि महिलाओं के परिधान वही निश्चित कर सकती हैं कि वे कब और कहाँ क्या पहनेंगीं। और साड़ी को स्मार्ट ऑउटफिट नहीं मानना आज के समय में समझ नहीं आता। मैंने तो औरतों को साड़ी में फॉर्मल मीटिंग से ले कर हर तरह की जगह पर साड़ी पहने देखा है।
हमारा परिधान हमारे आधुनिकता की निशानी नहीं है। आधुनिकता विचारों में और व्यवहार में होनी चाहिए न कि परिधानों में।
पाठकों से बस यही अपील है कि ऐसी बातों का विरोध हर स्तर पर करना चाहिए ताकि फिर ये बातें उसी स्तर पर समाप्त हों और हमारी अगली पीढ़ी तक सही आधुनिकता पहुँचे न कि दिखावटी और थोपी हुयी आधुनिकता।
मूल चित्र : YouTube
I am Shalini Verma ,first of all My identity is that I am a strong woman ,by profession I am a teacher and by hobbies I am a fashion designer,blogger ,poetess and Writer . मैं सोचती बहुत हूँ , विचारों का एक बवंडर सा मेरे दिमाग में हर समय चलता है और जैसे बादल पूरे भर जाते हैं तो फिर बरस जाते हैं मेरे साथ भी बिलकुल वैसा ही होता है ।अपने विचारों को ,उस अंतर्द्वंद्व को अपनी लेखनी से काग़ज़ पर उकेरने लगती हूँ । समाज के हर दबे तबके के बारे में लिखना चाहती हूँ ,फिर वह चाहे सदियों से दबे कुचले कोई भी वर्ग हों मेरी लेखनी के माध्यम से विचारधारा में परिवर्तन लाना चाहती हूँ l दिखाई देते या अनदेखे भेदभाव हों ,महिलाओं के साथ होते अन्याय न कहीं मेरे मन में एक क्षुब्ध भाव भर देते हैं | read more...
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