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मैं जन्मदात्री, मैं ही हूँ उर्मि, और रानी चेन्नमा। मैं सहती कभी गृहप्रताड़ना, पर अब आजाद हूँ, मैं मजबूत हूँ, हूँ मैं कल्पना। मैं नारी, आजादी हमें प्यारी।
स्वतंत्र विचारों की मैं नारी,आज़ादी हमें है प्यारी।छोड़ खोखले विचारों को,बढ़ती छूती आसमानों को।आन मेरी, शान मेरी,मुझे प्यारा है स्वाभिमान मेरा।देश की आन-बान, शान के लिए,सर काट मैं बन जाती हाड़ा रानी।मौत भी मुझसे डर जाये,यमराज मेरे संकल्प से घबराये।वेदज्ञाता मैं, मैं हूँ सृष्टि प्यारी,सच यही है मैं न थी कभी बेचारी।भारत हूँ मैं, हूँ पवित्र पावनी गंगा,मैं जन्मदात्री, मैं ही हूँ उर्मि, और रानी चेन्नमामैं सहती कभी बलात्कार, कभी गृहप्रताड़ना,पर अब आजाद हूँ, मैं मजबूत हूँ, हूँ मैं कल्पना।मैं नारी, आजादी हमें प्यारी।
मूल चित्र: बेटी/The Short Cuts, YouTube
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