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दुनिया का सबसे बड़ा ब्राइड बाज़ार जहां दुल्हन बनकर बिकना ही औरत के जीवन का सबसे बड़ा मकसद है, वो है बुल्गारिया का दुल्हन बाजार...
दुनिया का सबसे बड़ा ब्राइड बाज़ार जहां दुल्हन बनकर बिकना ही औरत के जीवन का सबसे बड़ा मकसद है, वो है बुल्गारिया का ब्राइड बाज़ार…
बाज़ार, माने वो जगह जहां आम से लेकर ख़ास हर चीज़ का व्यापार होता है। आप बाज़ार जाते हैं और अपनी जेब में रखे पैसों के हिसाब से जो चीज़ पसंद आती है घर ले आते हैं। लेकिन एक ऐसा बाज़ार भी है जहां सामान नहीं बल्कि दुल्हनें बिकती हैं।
एक तरफ़ जहां पूरी दुनिया में औरतों के मानवाधिकारों के लिए आंदोलन हो रहे हैं, नारीवाद के नारे लग रहे हैं वहीं दूसरी तरफ़ यूरोप का एक ऐसा देश है जहां दुल्हनों का बाज़ार लगता है। यहां साल में तीन बार ब्राइड मेला लगता है जहां लड़कियों की नुमाइश होती है।
अभी हाल ही में इससे जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री मैंने वाइस इंडिया के यू-ट्यूब चैनल पर देखी और इसके बारे में नज़दीक से जानने को मिला।
हर साल बुल्गारिया के स्टारा ज़गोरा में ये विवादित ब्राइड बाज़ार लगता है जहां वर्जिन लड़कियां सज-धज कर आती हैं और वहां मौजूद लड़के अपनी पसंद की लड़की के लिए बोली लगाते हैं।
बुल्गारिया का ब्राइड बाज़ार कलाइदझी रोमा कबीले के कल्चर का हिस्सा है। ये 18,000 लोगों के इस कबीले का बड़ा सबसे मिलन मेला होता है।
रोमा कबीले की बात करें तो ये यूरोप के उन लोगों का समूह है जिन्हें सदियों से भेदभाव का सामना करना पड़ा। एक वक्त था जब ये कबीला कॉपरस्मिथ की विरासत के लिए जाना जाता था लेकिन धीरे-धीरे ये भी अपनी चमक खोता जा रहा है।
बुल्गारिया का ब्राइड बाज़ार भी इनकी बची हुई परंपराओं में से एक है।
हैरान करने वाली बात ये नहीं है कि ये ब्राइड बाज़ार इनकी परम्परा है क्योंकि दुनिया की कई पुरानी सभ्यताओं में औरतों और विवाह को लेकर कई तरह परम्पराएं रही हैं। कभी शहज़ादे की शादी शहज़ादी से कराकर दो रियासतों को एक कर दिया जाता था तो कभी राजा को ख़ुश करने के लिए अपनी लड़की दे दी जाती थी।
हैरान करने वाली बात ये है 21वीं सदी में भी ऐसा हो रहा है। रोमा कबीले का ये बाज़ार पूरी तरह वैध है जहां दुल्हन खरीदने के लिए लड़के और लड़कियां, अपने घरवालों के साथ आते हैं। लड़की पसंद आने पर लड़का, लड़की के परिवारवालों को उसकी तय की गई क़ीमत दे देता है और लड़की ले जाता है।
अपने कबीले को बचाए रखने के लिए आपस में लड़के-लड़कियों की शादी करना भले ही एक परंपरा हो लेकिन जिन लड़कियों को इसका हिस्सा बनना पड़ता है उन्हें आख़िर 21वीं सदी में अपने आपको बेचने के लिए तैयार करते हुए कैसा महसूस होता है?
इस डॉक्यूमेंट्री में ओरिज़ोवो गांव के परिवार के ज़रिए यही दिखाने की कोशिश की गई है।
इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे मां अपनी बेटियों को आने वाले ब्राइड बाज़ार के लिए तैयार करती हैं। उनका ये कहना है कि बेटी जब बड़ी होती है तो उसे खाना बनाना सीखना ही होता है ताकि वो अपने ससुराल वालों के लिए खाना बना सके।
इस कबीले की लड़कियों को शादी से पहले लड़कों से किसी भी तरह का रिश्ता नहीं रखने दिया जाता। हालांकि सोशल मीडिया के इस ज़माने में वो छिप-छिपकर कुछ ऐसा तरीका ढूंढ लेती है कि अपने पसंद के लड़कों को भले ही चुन ना पाएं लेकिन कम से कम देख तो पाएं। शादी से पहले अगर लड़के को लड़की से मिलना हो तो वो हमेशा घर ही आकर मिल सकता है।
रिपोर्टर के ये सवाल पूछने पर कि वो हाउसवाइफ़ नहीं होती तो क्या होती, एक लड़की जबाव देती है, बैंकर और दूसरी कहती है हेयरड्रेसर। वो जानती हैं कि अगर उन्हें ऐसा पति मिलेगा जो उनसे सिर्फ घर और बच्चे संभालने को कहेगा तो उन्हें ऐसा ही करना पड़ेगा।
अक्सर उनके सपने सिर्फ सपने ही रह जाते हैं। ब्राइड बाज़ार में लड़की की कीमत इस बात पर भी तय होती है कि वो वर्जिन है या नहीं। उन्हें इस बात का डर भी होता है कि कहीं उनके मां-बाप ऊंची क़ीमत के लिए उन्हें किसी बूढ़े या ऐसे लड़के को ना बेच दें जिसे वो बिल्कुल पसंद नहीं करतीं।
इस डॉक्यूमेंट्री में आपको ये परम्परा सामान्य लगेगी जहां लड़कियों को बचपन से ही इसी बात के लिए तैयार किया जा रहा है कि आने वाले सालों में उनका एकमात्र मकसद है सुंदर दिखना, मेकअप करना और अपने शरीर का ध्यान रखना ताकि उन्हें एक धनवान पति मिल सके जो उनके लिए भारी-भरकम रकम दे सके।
बुल्गारिया का ब्राइड बाज़ार की इस परम्परा का सबसे डराने वाला हिस्सा है कि ये कितनी सामान्य है। ऐसी परम्पराएं कहीं ना कहीं ह्यूमन ट्रैफिकिंग की थिन लाइन के क़रीब हैं।
इस कबीले की लड़कियां कितनी ही होनहार हों, सुंदर हो, प्रतिभाशाली हों पर अपने जीवन पर उनका कोई अधिकार नहीं होता है। हो सकता है वो आपको ख़ुश नज़र आएं लेकिन कहीं ना कहीं उनके दिलों में भी बहुत कुछ है जो शायद वो कभी नहीं कर पाएंगी।
ये देखने के बाद आप भी सोचेंगे कि उनकी ज़िंदगी कितनी अलग होती अगर उन्हें अच्छी शिक्षा, पढ़ाई और आज़ादी मिलती। उन्हें देखकर मेरे मन में ये ख़्याल आया कि कैसा होता अगर वो हमारी तरह अपनी ज़िंदगी ख़ुद चुन पातीं। क्या उनका मन नहीं करता होगा? बिल्कुल करता होगा, एक बार उन्हें अगर ये आज़ादी मिल जाएगी तो शायद ही कोई लड़की ऐसी परम्परा की जंज़ीरों को नहीं तोड़ना चाहेगी।
ये लड़कियां जैसे मॉर्डन दुनिया और हज़ारों सालों पहले की एक दुनिया के बीच फंसी हुई हैं जो अपने घरवालों की तय की हुई क़ीमत पर बिक जाती हैं और फिर किसी और की संपत्ति बन जाती हैं।
मूल चित्र : Pinterest
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