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गुलाबी यादें

बिना कुछ कहे-सुने जब मुस्कुराते थे हमारे अधर, वो गुलाबी शामों का हर अतीत याद आया। आख़िरी बार भीगे थे ये गुलाबी गाल

बिना कुछ कहे-सुने जब मुस्कुराते थे हमारे अधर, वो गुलाबी शामों का हर अतीत याद आया। आख़िरी बार भीगे थे ये गुलाबी गाल

सुर्ख़ गुलाबी पन्नों में जब नाम उनका पाया,

मन चला बरसों पहले की यादों में, जब नाम लबों पर आया।

बिना कुछ कहे-सुने जब मुस्कुराते थे हमारे अधर,

वो गुलाबी शामों का हर अतीत याद आया।

आख़िरी बार भीगे थे ये गुलाबी गाल,

जब तुमसे बिछड़ने का समय था आया।

बस इन गुलाबी पन्नों में दब कर रह गए हर राज़,

जबसे ये मांग में सिदूंरी रंग है छाया।

मूल चित्र: Besan Ke Laddoo,YouTube

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