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तुम ही मुझे प्रेरणा देती हो,और तुम ही मुझे संभाली हो।तुम्हारा आशीष जो मुझे मिल जाए,सच कहता हूँ,मेरा समय तो क्या?तकदीर ही बदल जाए।
तुम ही मुझे प्रेरणा देती हो, और तुम ही मुझे संभाली हो। तुम्हारा आशीष जो मुझे मिल जाए, सच कहता हूँ, मेरा समय तो क्या? तकदीर ही बदल जाए।
मेरी माँ…
मैं क्या बताऊँ?
तुम मेरी क्या हो?
ईश्वर को मैंने नहीं देखा है,
बस, तुम ही मेरी ईश्वर हो।
जीवन में जब भी हताश हुआ,
अपने पथ से भटक गया।
तब मेरी माँ,
तुम ही मुझे प्रेरणा देती हो,
और तुम ही मुझे संभाली हो।
तुम्हारा आशीष जो मुझे मिल जाए,
सच कहता हूँ,
मेरा समय तो क्या?
तकदीर ही बदल जाए।
मेरी माँ,
तुम मुझे छोड़ कही मत जाना,
अपनी ममता की छांव में मुझे संभाले रखना।
जब भी मैं तुम्हें बुलाऊँ
अपने इस लल्ला की पुकार सुन लेना।
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