कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

महिलाओं में थायराइड के इन 11 लक्षण को पहचानने में देर न करें!

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में ये समस्या आम है, इसीलिए समय रहते महिलाओं में थायराइड के लक्षण पहचानें और डॉक्टर से सम्पर्क करें।

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में ये समस्या आम है, इसीलिए समय रहते महिलाओं में थायराइड के लक्षण पहचानें और डॉक्टर से सम्पर्क करें।

आज रेणु दीदी से मिल कर लगा उनकी तबियत ठीक नहीं है। पूछने पर भले उन्होंने बस थकान और नींद कम आने के कारण सुस्ती बताई पर मुझे बात कुछ और लग रही है।

कुछ दिनों पहले उन्होंने भूख कम लगने की भी बात कही थी। आज मुझे उनका वज़न पहले से ज़्यादा लगा। कुछ तो है! ये सब सोच रूचि ने अपना लैपटॉप खोला और लग गई रेणु दीदी के बताये हुए लक्षणों को टाइप कर गूगल पर उसका कारण खोजने। 

रूचि के सवाल के जवाब में गूगल ने कई उत्तर लिख डाले। जिसे पढ़ वो घबरा गई। इतनी सारी गंभीर बीमारियों के लक्षणों से मेल खाता है रेणु दीदी के बताए लक्षण। अचानक चिंताओं ने घेर लिया। जितना ज़्यादा पढ़ती, उतना मन बेचैन हो उठता।

परेशान हो उसने लैपटॉप बंद कर दिया और अपनी डॉक्टर से सम्पर्क किया। डॉक्टर ने रुचि से रेणु दीदी को क्लिनिक लाने को कहा। अगले दिन दोनों बहने डॉक्टर के क्लिनिक पहुँच गयीं। रेणु दीदी को अच्छी तरह चेक करने के बाद, डॉक्टर ने कुछ ब्लड टेस्ट्स करा वापस रिज़ल्ट के साथ आने को कहा।

दो दिनों बाद डॉक्टर से मिल पता चला कि रेणु दीदी को थाइरॉड की समस्या हो गयी है। ये सुन दोनों बहने घबरा गयीं। पर, डॉक्टर ने उन्हें घबराने नहीं बल्कि सावधानी बरतने को कहा। फिर रुचि के पूछने पर डॉक्टर ने थाइरॉड के बारे में विस्तार से बताया।

जानें थाइरॉइड के बारे में

हमारे गले में ठीक नीचे की तरफ थायरॉइड ग्लैंड होती है। जो दो तरह के थाइरॉइड हार्मोन टी-3 और टी-4 बनाती है। शरीर की सबसे जरूरी ग्रंथियों में से एक थाइरॉइड ग्लैंड शरीर की कई चीजों को नियंत्रित और नियमित करती है। अच्छी नींद, स्वस्थ पाचन तंत्र, मेटाबोलिज्म, शरीर का तापमान, विकास आदि थाइरॉइड की संतुलित मात्रा पर ही निर्भर करता है। ऐसे में थाइरॉइड हार्मोन का ज़रूरत से ज्यादा बनना या कम बनना, दोनों ही स्थितियों में खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर बढ़ा हुआ थाइरॉइड ज्यादा मुसीबतें पैदा कर सकता है।  

महिलाओं में थायराइड के लक्षण (mahilaon mein thyroid ke lakshan Hindi mein)

महिलाओं को थायरॉइड की समस्या के कारण कई तरह की परेशानियों को झेलना पड़ता है। समय रहते हमें लक्षणों को पहचाने की कोशिश करनी चाहिए। आमतौर पर महिलाओं में थायराइड के लक्षण पाए जाते हैं-

  1. हमेशा थकान लगना
  2. बालों का झड़ना
  3. मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना
  4. बहुत भूख लगने के बाद भी वजन घटना या भूख नहीं लगने पर भी वज़न का बढ़ना
  5. महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता
  6. घबराहट और चिड़चिड़ापन
  7. दिल की धड़कन बिना कारण बढ़ना या कम होना
  8. चेहरे और आँखों में सूजन
  9. नाखूनों का पतला होना एवं टूटना
  10. अनिद्रा (नींद ना आने की परेशानी)
  11. अवसाद (Depression)

थायरॉइड रोग के प्रकार (Types of thyroid)

थायरॉइड रोग दो प्रकार के होते हैं-

  • थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)
  • अल्पसक्रियता (Hypothyrodism)

थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)

थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण T4 और T3 हार्मोन्स का आवश्यकता से अधिक बनना शुरू हो जाता है। जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है, तो शरीर ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगती है। इसे ही हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) कहते हैं। पुरुषों की तुलना महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है।

इसकी पहचान इन परेशानियों से की जा सकती है- 

थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की अधिकता के कारण शरीर में मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है और हर काम तेजी से होने लगता है। घबराहट, चिड़चिड़ापन, अधिक पसीना आना, हाथों का काँपना, बालों का झड़ना, अनिद्रा (नींद ना आने की परेशानी), मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना, दिल की धड़कन बढ़ना, बहुत भूख लगने के बाद भी वजन घटना, महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता, ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)  जिसकी वजह से हड्डी में कैल्शियम (Calcium) तेजी से खत्म होता है।

थायराइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता (Hypothyrodism)

थायराइड की अल्प सक्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) हो जाता है। इसकी पहचान इन परेशानियों से की जा सकती है-

धड़कन की धीमी गति, हमेशा थकान बना रहना, अवसाद (Depression), सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होना, मेटाबोलिज्म धीमा पड़ने के कारण वजन बढ़ना, नाखूनों का पतला होना एवं टूटना, पसीने में कमी, त्वचा में सूखापन आना और खुजली होना, जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न होना, बालों का अधिक झड़ना, कब्ज, बार-बार भूलना, कन्फ्यूज रहना, मासिक धर्म में अनियमितता होना, चेहरे और आँखों में सूजन।

महिलाओं में थायराइड रोग होने के कारण (Causes of Thyroid in women)

थायरॉइड होने के ये कारण हो सकते हैं-

  • अधिक तनावपूर्ण जीवन जीने से थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की सक्रियता पर असर पड़ता है। और महिलाओं का जीवन तो आप जानते ही हैं…
  • आहार में आयोडीन की मात्रा कम या ज्यादा होने से थायरॉइड ग्रंथियाँ विशेष रूप से प्रभावित होती हैं। यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है। मतलब यदि परिवार की किसी भी पीढ़ी में ये समस्या रही है तो यह रोग परिवार के किसी भी सदस्य को होने की सम्भावना बनी रहती है।
  • महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड हार्मोन्स में असंतुलन अक्सर देखा जाता है, क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं।

ऐसे करें थायराइड को नियंत्रित (thyroid mein kya karein)

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में ये समस्या आम है इसीलिए समय रहते महिलाओं में थाइरॉड के लक्षण पहचानें।

अक्सर आयोडीन की कमी से थायरॉइड की समस्या उत्पन्न होती है इसलिए आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। मिनरल्स और विटामिन से युक्त भोजन लेने से थायरॉइड कन्ट्रोल करने में मदद मिलती है। ज्यादा से ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करें, दूध और दही का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें, 

  • प्रोसेस्ड फूड से बनाएं दूरी

प्रोसेस्ड फूड को आहार में शामिल नहीं किया जाए, जिन खाद्य पदार्थों में चीनी, रंग, कृत्रिम स्वाद और स्वीटर्स शामिल हैं उन्हें आहार में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

  • धूम्रपान, एल्कोहल आदि नशीले पदार्थों से बचें
  • नियमित रूप से व्यायाम करें

शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम आवश्यक है। इससे ना केवल हम थाइरॉड को अपने से दूर रख सकते है बल्कि कई और अन्य बीमारियों से खुद को बचा सकतें हैं। थाइरॉड की समस्या से जूझती महिलाओं को योग करना चाहिए। इससे मन शांत होता है और तनाव कम। तनाव भी थाइरॉड का एक प्रमुख कारण होता है।

दोनों बहने डॉक्टर की बातों को ध्यान से सुन और समझ कर चिंतमुक्त हुयीं और दी गयी सलाह को मानने की बात कह घर की ओर चल दीं।

डिस्क्लेमर : इस लेख को एक समान्य जानकारी हेतु पढ़ें। ये डॉक्टरी सलाह नहीं है। समय आने पर अपने डॉक्टर की राय अवश्य लें  

मूल चित्र: sasirin pamal from Getty Images Signature via Canva Pro

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

Ashlesha Thakur

Ashlesha Thakur started her foray into the world of media at the age of 7 as a child artist on All India Radio. After finishing her education she joined a Television News channel as a read more...

26 Posts | 79,579 Views
All Categories