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सुपर डांसर 4 : डिअर सेलेब्रिटीज़, क्या आपके लिए नारी-शोषण नॉर्मल है?

सुपर डांसर 4 में ऐसे रॉल मॉडल्स और गाने नॉर्मलाइज़ हो रहे हैं जिनसे कई बार मुझे भी असुरक्षित महसूस होता है क्यूंकि ये क्राइम का रूप है।

सुपर डांसर 4 में ऐसे रॉल मॉडल्स और गाने नॉर्मलाइज़ हो रहे हैं जिनसे कई बार मुझे भी असुरक्षित महसूस होता है क्यूंकि ये क्राइम का रूप है।

हमारी सोसाइटी में औरतों के साथ क्राइम करने को और करने वालों को कितना नॉर्मलाइज़ (सामान्य) किया हुआ है!? आप क्राइम कर सकते हैं, अपनी पत्नी के साथ मार-पीट, किसी का भी रेप, छेड़-छाड़ या कुछ भी। इन सबके बावजूद आप खुलेआम घूम सकते हैं। कोर्ट आपके पीछे चक्कर काटता रहेगा और औरतों को इंसाफ की उम्मीदों की तारीख मिलती रहेगी। है ना? 

हाँ ऐसा ही तो होता है। आज भी न जाने कितने वायलेंस के केसेस में गुनाह करने वाले खुले आम बेशर्म घूम रहे हैं और औरतें उम्मीदों में। 

हाल ही में कुछ ऐसा ही देखने को मिला सोनी लिव के डांस शो सुपर डांसर 4 में। बच्चों के इस शो में स्पेशल गेस्ट के रूप में मौजूद थे सिंगर यो यो हनी सिंह। हनी सिंह के खिलाफ उनकी पत्नी शालिनी तलवार ने डोमेस्टिक वायलेंस का केस किया है। इसकी सुनवाई में जब हनी सिंह को कोर्ट में मौजूद होना चाहिए था तब उन्होंने मेडिकल रीज़न दे दिया और वहीं दूसरी तरफ वे डांस शो में अपने क्रिंजी गानों पर थिरकते नज़र आये।  

इस शो में छोटे-छोटे बच्चों से लेकर उनके परिवार वाले सब मौज़ूद रहते हैं। तो अगर हम ऐसे लोगों को अपने बच्चों के सामने रोल मॉडल की तरह पेश करेंगे तो वो क्या सीखेंगे? यही कि आप क्राइम करके भी निकल सकते हैं?

क्या ये किसी की ज़िम्मेदारी नहीं है? क्यों कोई इस शो के प्रोडूसर पर सवाल खड़े नहीं करते? अगर हम इसी शो – सुपर डांसर 4 के कुछ और एपिसोड देखें तो पता लगेगा कि हमारी यंगर जनरेशन को किस तरह का कंटेंट दिया जा रहा है। उनके लिए किस तरह की चीज़ों को नॉर्मलाइज़ किया हुआ है। 

सुपर डांसर 4 में किस तरह की चीजों को नॉर्मलाइज़ किया जा रहा है?

सुपर डांसर 4 के एक एपिसोड में स्पेशल गेस्ट हैं – गोविंदा और चंकी पांडेय। इस एपिसोड की एक क्लिप बहुत वायरल हो रही है। इस क्लिप में चंकी पांडेय और गोविंदा ने अपने आइकोनिक सॉग, ‘ओ लाल दुप्पटे वाली तेरा नाम तो बता’, को शिल्पा शेट्टी और गीता कपूर के साथ रिक्रिएट किया। 

बेशक इस गाने की लाखों लोग दीवाने हैं लेकिन इसके लिरिक्स? क्या ये और इस तरह के गानें हरासमेंट को सपोर्ट नहीं करते? अगर हम इसी सॉन्ग ‘ओ लाल दुप्पटे वाली तेरा नाम तो बता’ को देखें तो इसमें साफ़ साफ़ सेक्सुअल हरासमेंट हो रहा है। तो ऐसे गाने पर बच्चों के सामने उसी अंदाज़ में नाचना इस चीज़ को नार्मल कर रहा है कि वो किसी भी महिला को छेड़ सकते हैं। 

क्या लड़की का दुप्पटा खींचना आम बात है?

सिर्फ यही एक गाना नहीं है बल्कि इस तरह के कई गानों पर हर रोज़ ये बच्चे डांस करते हैं। आजकल टीनेजर्स इन गानों पर रील्स बनाते हुए नज़र आएंगे और ठीक उसी डांस स्टाइल में – जहां लड़की का दुप्पटा खींचना, सेक्सिस्ट कमैंट्स करना, बॉडी पर खुद का हक़ जताना, नार्मल है। कंसेंट तो शायद ही कोई जानता होगा। 

तो ऐसे गानों को अगर हम 90s में ही छोड़ दे तो बेहतर होगा। हम नहीं चाहते कि फिर से वही गानें रिक्रिएट हों जिनमे महिलाओं को एक ऑब्जेक्ट की तरह समझा जाता रहा है। और आने वाली जनरेशन के सामने भी बॉलीवुड ये सब नार्मल कर दे। 

हाँ, ये गानें बच्चों पर बहुत बड़ा प्रभाव डालते हैं। क्योंकि बॉलीवुड इंडिया में भगवान की तरह है।  आप रोड पर अकेले निकल कर देखिये, इस तरह के गानों के साथ सेक्सुअल हरासमेंट के शिकार होना बहुत आम बात हो गयी है। इन गानों के वल्गर लिरिक्स से कई बार लड़कियों को असहज महसूस होता है लेकिन वो कुछ कह नहीं पाती। 

इन गानों से असुरक्षित महसूस होता है

जब मेरी एडिटर ने मुझे ये लिखने को कहा तो सबसे पहली बात जो मेरे दिमाग में आयी वो उन दिनों की थी जब मैं 9th क्लास में थी यानी 8-9 साल पहले की। स्कूल बस में ड्राइवर FM Radio चलाया करते थे और उस पर इसी तरह की क्रिंजी सांग्स बजते थे। ड्राइवर कई बार रेयर-व्यू-मिरर में देखकर अजीब सी स्माइल किया करते थे और स्कूल के सीनियर बॉयज हँसा करते थे या एक दूसरे को कोड वर्ड्स में छेड़ते थे। और इन सब मुझे बहुत अनकम्फर्टेबल लगता था। 

जब मैंने यही बात अपनी प्रिंसिपल से कही तो उनके शब्द थे, ‘Shagun, why do you have a problem with everything every now and then. I think it’s in your mindset. Please go and pay attention in your classes.’ (‘शगुन, आपको बार-बार हर बात से परेशानी क्यों होती है। मुझे लगता है कि ये आपकी मानसिकता में है। प्लीज़ जाकर अपनी क्लासेस में ध्यान दें।’) …और आज भी वो कुछ गाने हैं जिनसे मुझे ठीक उसी तरह का अनकम्फर्टेबल फील होने लगता है। अजीब लगता है। 

हरासमेंट करने वालों के लिए ये गाने फ्री पास है

तो हां, इस तरह के गानों का बच्चों पर प्रभाव पड़ता है। हरासमेंट करने वालों के लिए ये गाने एक जरिया बन जाते हैं जिस पर हम कुछ कह नहीं पाते। बच्चों के सामने ऐसे रॉल मॉडल्स और गाने नॉर्मलाइज़ हो रहे हैं। इन गानों के वल्गर और सेक्सिस्ट लिरिक्स हमारी मानसिकता में घुल चुके हैं। 

पता नहीं कब और कैसे बॉलीवुड इनकी रिस्पांसिबिलिटी लेगा लेकिन हाँ, ये सभी मुद्दे हैं जिन पर हमें अब ज़्यादा बात करनी चाहिए। 

और वे सभी सो कॉल्ड रेस्पोंसिबल नेटिज़न्स कहाँ हैं जो आज कल हर चीज़ को बॉयकॉट कर रहे हैं। शायद आपकी ज़रूरत यहां है। 

मूल चित्र : Still from the show, Super Dancer 4, YouTube

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About the Author

Shagun Mangal

A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...

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