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नारी का अस्तित्व

नारी का अस्तित्व क्या है? जैसे धरती और हवा। धरती बौती पेड़ वक्ष पर, तब ही मिलती शुद्ध हवा। मोल नहीं फिर उस धरती का,

नारी का अस्तित्व क्या है? जैसे धरती और हवा। धरती बौती पेड़ वक्ष पर, तब ही मिलती शुद्ध हवा। मोल नहीं फिर उस धरती का

नारी का अस्तित्व क्या है?
जैसे मिट्टी और घड़ा।
मिट्टी पिसती मिट्टी दबती
तैयार होता एक घड़ा।
मोल नहीं फिर उस मिट्टी का,
मोल से बिकता बस घड़ा।

नारी का अस्तित्व क्या है?
जैसे धरती और हवा।
धरती बौती पेड़ वक्ष पर,
तब ही मिलती शुद्ध हवा।
मोल नहीं फिर उस धरती का,
सबको भाती शुद्ध हवा।

नारी का अस्तित्व क्या है?
जैसे डोरी और पतंग।
डोरी खिंचती दूर तक जाती,
तब ही उड़ती मस्त पतंग।
मोल नहीं फिर उस डोरी का,
स्वच्छंद कहलाती बस पतंग।

मूल चित्र: Rounded Cube,YouTube 

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