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आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कौन होते हैं? आंगनबाड़ी में महिलाएं क्या काम करती हैं? आंगनबाड़ी भर्ती के लिए कौन सी महिलाएं आवेदन कर सकती हैं?
भूख और कुपोषण हमारे देश के लिये आजादी के समय से ही सबसे चुनौतीपूर्ण विषय रहा है वो भी ख़ास कर ग्रमीण इलाकों में। माँ और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और उनकी समुचित देखभाल के लिये भारत सरकार द्वारा वर्ष 1975 में एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के भाग के रूप में आंगनवाड़ी की शुरुआत की गई जिसका अर्थ “आंगन आश्रय” है।
भारत में, माँ और बच्चों के स्वास्थ्य की समुचित देखभाल के लिये आंगनवाड़ी योजना की शुरुआत की गई। आंगनवाड़ी केंद्र के द्वारा 6 वर्ष तक के बच्चों के साथ ही किशोर उम्र लड़कियों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से सम्बंधित अवश्यकताओ की पूर्ति भी की जाती है।(anganwadi bharti) आंगनवाड़ी केंद्र में छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के साथ उनकी प्राथमिक शिक्षा का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है।
निम्न और निर्धन परिवारों के बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में आंगनवाड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आंगनवाड़ी योजना के अंतर्गत सरकार ये सुनिश्चित करती है कि प्रसव पूर्व और प्रसव बाद माताओं की समुचित स्वास्थ्य की देखभाल हो। साथ ही बच्चों के टीकाकरण उनका विकास और प्राथमिक शिक्षा की भी उचित व्यवस्था हो।
आंगनवाड़ी केंद्र भारत के ग्रामीण इलाकों में बुनियाद स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है। भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाली इस संस्था में जो महिला आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन करती हैं उसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कहा जाता है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सहायता के लिये आंगनवाड़ी सहायिका को भी रखा जाता है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिये शैक्षणिक योग्यता बहुत सामान्य ही रखी गई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिये महिला का किसी भी बोर्ड द्वारा दसवीं कक्षा पास होना आवश्यक है। साथ ही आंगनवाड़ी सहायिका के लिए कक्षा 8 पास होना आवश्यक है। अगर 8वीं पास उम्मीदवार उपलब्ध ना हो तो 5वीं पास उम्मीदवार भी इस पद के लिये मान्य होता है।
हर राज्य अपनी जरुरत के हिसाब से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायिका की भर्ती निकालता है। इस पद की भर्ती के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा विज्ञापन निकाला जाता है।(anganwadi bharti)
इसकी भर्ती जिला स्तर पे जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) द्वार ही की जाती है। इनके द्वारा ही आवेदन स्वीकार कर आगे कार्यवाई होती है। साथ ही इंटरव्यू के बाद भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया जाता है।
हर राज्य की अपनी आंगनवाड़ी की ऑफिशियल वेबसाइट होती है। तो आप अपने राज्य की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायिका दोनों को एक निश्चित मानदेय हर माह मिलता है जहाँ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को हर माह 8 हजार रूपये तो आंगनवाड़ी सहायिका को इसका आधा 4 हजार रूपये मासिक मानदेय के रूप में प्राप्त होता है।
आंगनवाड़ी केंद्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मुख्य कार्य माता और बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है जिसके अंतर्गत निम्न कार्य आते हैं:
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का चयन मेरिट के आधार पर होता है। इसे तैयार करने के लिये इंटरव्यू के 25 अंक निर्धारित किये गए हैं जिन्हें निम्न तरीके से दिया जाता है:
यहाँ इस बात का उल्लेख आवश्यक है कि अगर दो आवेदकों के अंक समान हो तो जिस महिला आवेदक की उम्र ज्यादा होगी उन्हें ही प्राथमिकता दी जायेगी।
अगर महिला अधिक पढ़ी लिखी है तो भर्ती में भी उसे तवज्जो दी जाती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में महिला कार्यकर्ता को काम करने के लिये एक सुरक्षित माहौल तो मिलता ही है। सामाजिक सेवा का सुख भी प्राप्त होता है इसके साथ एक निश्चित आय भी प्रतिमाह होती है।(anganwadi bharti)
उच्च शिक्षित महिलाएं तो अपने लिये सैकड़ों रास्ते तलाश लेती हैं लेकिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायिका के रूप में उन महिलाओं को फायदा मिलता है जो किसी भी कारण वश अपनी पढ़ाई पांचवी, आठवी या दसवीं से अधिक नहीं कर पायी हैं।
इमेज सोर्स: Aanganwadi School
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