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ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें?

पिंक अक्टूबर में जानें क्या है ब्रेस्ट कैंसर? ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे करें? कैसे होता है स्तन कैंसर और इसका इलाज और बचाव क्या है?

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पिंक अक्टूबर में जानें क्या है स्तन कैंसर? स्तन कैंसर के क्या लक्षण हैं यानी ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे करें? कैसे होता है स्तन कैंसर और इसका इलाज और बचाव क्या है?

अक्टूबर माह शुरू होते जिस चीज की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है वो है पिंक अक्टूबर। क्या है ये पिंक अक्टूबर? अगर आपके मन में भी जिज्ञासा है तो आइये जाने क्या है पिंक अक्टूबर

स्तन कैंसर जागरूकता माह जिसे पिंक अक्टूबर भी कहते हैं। हर वर्ष 1अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक दुनियां भर में मनाया जाता है। यह एक फार्मासुटिकल कंपनी इपीरियल केमिकल इंडस्ट्रीज और अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के बीच एक संयुक्त सहयोग से 1885 में स्थापित किया गया था।  अक्टूबर माह को पिंक अक्टूबर के रूप मनाने के पीछे उद्देश्य है कि पूरे माह को स्तन कैंसर से लड़ने के लिये एक शक्तिशाली हथियार के रूप में मेमोग्राफी को बढ़ावा देने के लिये समर्पित करना।

कैंसर एक ऐसा रोग है जो महामारी का रूप लेता जा रहा है और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है जागरूकता का अभाव। कैंसर का इलाज अब बहुत हद तक संभव है। समय पे पता चल जाने पे जान जाने की संभावना भी बहुत कम होती है।

अगर महिलाओं की बात करें तो महिलाओं में होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर या स्तन का कैंसर बहुत आम है। इतना आम की वर्ल्ड नेशनल ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन के अनुसार हर दो मिनट में एक महिला स्तन कैंसर का शिकार हो रही है और निश्चय ही ये रिपोर्ट बेहद चौकाने और डरावने वाला है।

स्तन कैंसर जागरूकता माह द्वारा निश्चय ही लोगों के बीच जागरूकता लायी जा रही है और इस रोग की चपेट में आयी महिलाओं की जान भी बचाई जा रही है। लेकिन अभी भी दुनिया के कई हिस्से ऐसे हैं जहाँ जागरूकता के अभाव में महिलाये इस रोग की गिरफ्त में आ रही हैं।

बहुत ज़रुरी है कि हम स्तन कैंसर के विषय में जागरूक हों, साथ ही ये भी जाने की स्तन कैंसर की पहचान क्या है?

तो आइये जाने क्या है स्तन कैंसर? स्तन कैंसर के क्या लक्षण है? कैसे होता है स्तन कैंसर? इस रोग का इलाज और साथ ही कैसे बचाव किया जा सकता है स्तन कैंसर से?

स्तन कैंसर क्या है(stan ya breast cancer kya hai)

शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर का प्रमुख कारण होती है। इसी प्रकार स्तन में कोशिकाओं की लगातार वृद्धि गांठ का रूप ले लेती है जिसे आम भाषा में कैंसर ट्यूमर या स्तन कैंसर कहते हैं। यहाँ ये समझना आवश्यक है कि अगर महिला जागरूक है और कैंसर का पता पहले या दूसरे चरण में चल जाये तो इलाज द्वारा एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है लेकिन इसके लिये जागरूकता आती आवश्यक है।

स्तन कैंसर की पहचान

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे करें? स्तन कैंसर का सबसे आम लक्षण स्तन या बगल में गांठ का होना है। यदि आपके स्तन में भी किसी प्रकार का गांठ है तो बिना घबराये और बिना देर किये अपने डॉक्टर से मिलें क्यूंकि कई बार ये गांठ कैंसर रहित भी होते है तो कई बार कैंसर युक्त भी।

स्तन कैंसर के कुछ समान्य कारण

बच्चा पैदा करना ही नहीं या बच्चे को स्तनपान नहीं कराना: कैंसर स्तन के डॉक्टस में बनता है ये वो ग्रंथियां है जिसमें दूध बनता है और जो दूध को ग्रंथियों से निप्पल तक पहुंचाने का रास्ता देता है इसलिए जो महिलाये स्तनपान करती है उनमें स्तन कैंसर का ख़तरा कम होता है |
• वजन में अत्यधिक वृद्धि : वजन में वृद्धि या मोटापा एस्ट्रोजन की मात्रा को शरीर में बढ़ाता है जिससे स्तन कैंसर की जोखिम बढ़ जाती है। स्तन कैंसर की आशंका पतली महिलाओं की तुलना में मोटी महिलाओं को 30 % ज्यादा होती है।
नशीले पदार्थो का सेवन: शराब या किसी अन्य नशीले पदार्थो के सेवन से शरीर के अंदरूनी अंगों में कमजोरी आने लगती है और स्तन कैंसर के साथ अन्य कई बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है।
कैंसर का पारिवारिक इतिहास होना: रक्त सम्बंधों में होने वाले कैंसर अकसर हमारे डीएनए से हमारे बच्चों को भी मिल जाते हैं। कई अन्य रोगों की तरह स्तन कैंसर की भी संभावना होती है पीढ़ी दर पीढ़ी होने की।
मासिक धर्म में परिवर्तन या अधिक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन: महिलाओं में होने वाले हॉर्मोनल चेंज और अधिक गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से भी स्तन कैंसर की जोखिम बढ़ाती है।

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण

  • स्तन या बाहों के नीचे गांठ होना : किसी भी प्रकार और आकार का गांठ स्तन कैंसर के शुरुआत के लक्षण हो सकते है।
  • स्तन के आकार में बदलाव: दोनों स्तन के आकार में अंतर होना।
  • स्तन या निपल का लाल रंग का हो जाना: किसी एक हिस्से की त्वचा का रंग लाल होना।
  • स्तन से खून आना: निपल से तरल पदार्थ का रिसाव होना जो की खून हो सकता है।
  • स्तन की त्वचा ठोसपन या सख्त महसूस होना: स्तन की त्वचा का सख्त महसूस होना अन्य हिस्सों की तुलना में।
  • स्तन का कोई भाग दूसरे से अलग दिखना: रंग या आकार में स्तन का एक भाग दूसरे से अलग लगना।
  • स्तन में जलन, दाने या सिकुड़न महसूस होना: किसी भी प्रकार की जलन हो बार बार हो दाने आना अंदर सिकुड़न महसूस होना या शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

क्या स्तन कैंसर की गांठ में दर्द होता है?

स्तन कैंसर की गांठ होने पे महिला बहुत असहज महसूस करती है। स्तन में होने वाली गांठ का कोई निश्चित आकार नहीं होता। डॉक्टर्स के मुताबिक कैंसर होने पे स्तन और गांठ दोनों में दर्द नहीं होता लेकिन जानकारी के अभाव में स्तन में होने वाले हर गांठ या किसी भी प्रकार के दर्द को हम कैंसर समझ घबरा जाते हैं। ऐसे में डॉक्टर्स यही सलाह देते हैं कि स्तन में होने वाले किसी भी सहज स्तिथि में बिना देर किये डॉक्टर से मिले और उचित सलाह लें।

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान खुद से कैसे करें

  • हर महिला को अपने स्तन की जानकारी होना बहुत जरुरी है।
  • अपने स्तन में किसी भी प्रकार का बदलाव जैसे त्वचा के रंग में बदलाव, सूजन या निशान आदि पे विशेष निगाह रखती चाहिये।
  • हर महिला को महीने में कम से कम एक बार अपने स्तनों का स्वं निरिक्षण भी करना चाहिये।
  • 40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को मेमोग्राफी अवश्य करवानी चाहिये।
  • पारिवारिक इतिहास होने पे 20 से 21 वर्ष की आयु से ही हर 3 साल पे स्तन की जाँच बहुत जरुरी हो जाती है।

इसमें डॉ प्रियंका मेहता का ये यूट्यूब वीडियो आपकी मदद कर सकता है :

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए मेमोग्राफी टेस्ट क्या है?(Mammography kya hai)

मेमोग्राफी टेस्ट एक प्रकार का एक्स -रे होता है जिसमें स्तन की जाँच की जाती है। मेमोग्राफी टेस्ट स्तन कैंसर के मामले में बेहद महत्वपूर्ण होता है इस टेस्ट के द्वारा कैंसर की गांठ का जल्द से जल्द पता चल जाता है जिससे इलाज भी आसान हो जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर से बचने की सावधानियाँ

अगर आप जागरूक है तो स्तन कैंसर की बीमारी को टालना बहुत आसान है। कुछ बातों को अपने जीवनशैली में शामिल कर आप इस रोग से बच सकते हैं।

  • नशीले पदार्थो को ना कहें
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाये
  • नियमित व्यायाम करे और वजन नियंत्रण में रखे
  • समय समय पे स्तन की जाँच करवाते रहें

स्तन कैंसर का उपचार

अन्य कैंसर के इलाज की तरह ही स्तन कैंसर के इलाज के लिये भी कीमोथेरेपी, रेडिशन और सर्जरी की आवश्यकता होती है। डॉक्टर्स स्तन में होने वाले किसी भी गांठ को सर्जरी द्वारा हटा देते हैं। इसके बाद रेडिशन और कीमोथेरेपी के द्वारा शरीर में मौजूद कैंसर सेल्स को खत्म किया जाता है। ये प्रक्रिया थोड़ी कष्टपूर्ण भी होती है। इसके बाद शरीर कमजोर हो जाता है और शरीर के बाल भी गिर जाते है लेकिन कैंसर सेल्स को खत्म करने का यही सटीक इलाज भी है।

ये वीडियो बताता है नींबू के ज़रिये ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे करें

अक्सर ये बताया जाता है की कैंसर की जाँच महिला खुद कर सकती है लेकिन ये जिज्ञासा भी रहती है की क्या महिला ये जाँच सही से कर पाती है कुछ ऐसी ही जिज्ञासा कॉरीन के मन में भी स्तन कैंसर की जाँच को ले कर थी। अपनी इसी जिज्ञासा के कारण कॉरीन ने एक फेसबुक कैंपेन चलाया, “नो योर लेमन कैंपेन ” जिसकी सोशल मीडिया पे काफ़ी चर्चा है और कुछ ही दिनों में इसे 32 हजार बाद शेयर भी किया गया है।

तो आइये जाने क्या है ये, नो योर लेमान कैंपेन इस कैंपेन में अंडे रखने वाले ट्रे में नीबूओं की तस्वीर से महिला को स्तन कैंसर के लक्षणों की समझ बहुत आसानी से मिल जाती है। कॉरीन कहती हैं कि  कई बार मरीज स्तन कैंसर पे बात करना पसंद नहीं करते ऐसे में इन तस्वीरों को देख कम पढ़ी लिखी महिला भी आसानी से अपनी स्तिथि समझ सकती हैं।

कैंसर चाहे कोई भी हो इसके सफल इलाज का एकमात्र उपाय है इसकी जल्दी पहचान। पहले जहाँ स्तन कैंसर विकसित देशों में ही देखा जाता है लेकिन अब ये हर वर्ग की महिलाओं में देखा जा रहा है।

स्तन कैंसर की पहचान जितनी जल्दी होगी उतनी ही जल्दी इसका सफल, छोटा और सस्ता इलाज भी होगा। अंत में बस इतना ही अनुरोध करुँगी की स्तन में किसी भी तरह के बदलाव की जाँच करते रहे और समय पे डॉक्टर से भी संपर्क करने में हिचके नहीं।

जिंदगी अनमोल है और थोड़े सजग और जागरूक हो, हम ना सिर्फ कैंसर से बच सकते है साथ ही अपने आस पास जागरूकता फैलाने में सहयोग कर कई महिलाओं की सहायता भी कर सकते हैं। 

डिस्क्लेमर : ये लेख एक समान्य जानकारी देता है। इसे मेडिकल राय न समझें। कोई भी लक्षण दिखे तो अपने एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। 

इमेज सोर्स : Offstocker from Getty Images via Canva Pro

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