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महिलाओं में थायराइड कैंसर के ये 9 लक्षण भूल कर भी इग्नोर न करें!

महिलाओं में थायराइड कैंसर के शुरुआती लक्षण में देखने को मिलता है कि उन्हें पिरीयड्ज़ के दौरान सामान्य से काफ़ी ज़्यादा दर्द होता है।

महिलाओं में थायराइड कैंसर के शुरुआती लक्षण में देखने को मिलता है कि उन्हें पिरीयड्ज़ के दौरान सामान्य से काफ़ी ज़्यादा दर्द होता है।

मेरे पिछले लेख में मैंने आप सब से थायराइड और उससे जुड़ी समस्याओं के बारे में कुछ बातें साझा की थी। जैसे हमारे गले में ठीक नीचे की तरफ थायराइड ग्लैंड होती है, जो दो तरह के थायराइड हार्मोन टी-3 और टी-4 बनाती है।

शरीर की सबसे जरूरी ग्रंथियों में से एक थायराइड ग्लैंड शरीर की कई चीजों को नियंत्रित और नियमित करती है। अच्छी नींद, स्वस्थ पाचन तंत्र, मेटाबोलिज्म, शरीर का तापमान, विकास आदि थायराइड की संतुलित मात्रा पर ही निर्भर करता है। ऐसे में थायराइड हार्मोन का ज़रूरत से ज्यादा बनना या कम बनना, दोनों ही स्थितियों में खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर बढ़ा हुआ थायराइड ज्यादा मुसीबतें पैदा कर सकता है।

आज के लेख में मैं आप सभी को थायराइड कैंसर के बारे में कुछ बातें बताने जा रही हूँ।

थायराइड कैंसर क्या है?

थायराइड कैंसर तब होता है जब आपके थायराइड में कोशिकाएं आनुवंशिक परिवर्तन (म्यूटेशन) से गुज़रती हैं। उत्परिवर्तन कोशिकाओं को बढ़ने और तेजी से गुणा करने की अनुमति देते हैं। कोशिकाएं मरने की क्षमता भी खो देती हैं, जैसा कि सामान्य कोशिकाएं करती हैं। संचित असामान्य थायराइड कोशिकाएं एक ट्यूमर बनाती हैं।

थायराइड कैंसर शायद पहले कोई लक्षण पैदा न करे। लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है, यह आपकी गर्दन में दर्द और सूजन पैदा कर सकता है। आमतौर पर थायराइड कैंसर के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। गले में गांठ मिलना अपने आप में एक शुरुआती लक्षण है। जब यह बढ़ती है, तो खाना निगलने में परेशानी, आवाज में बदलाव जैसी कुछ समस्याएं होती हैं।

महिलाओं में थायराइड कैंसर के लक्षण

महिलाओं में थायराइड कैंसर के शुरुआती लक्षणों में देखा गया है कि उन्हें पिरीयड्ज़ के दौरान सामान्य से काफ़ी ज़्यादा दर्द होता है। ऐसा होने पर महिलाओं को अपने डाक्टर से ज़रूर परामर्श ले लेनी चाहिए। इसके अलावा महिलाओं में गर्भावस्था से जुड़ी कोई भी समस्या आ रही हो तो, अपना थायराइड टेस्ट ज़रूर करा लें।

थायराइड कैंसर के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं-

  1. गर्दन में गांठ निकलना 
  2. आवाज में बदलाव आना 
  3. सांस लेने में दिक्कत
  4. निगलने में कठिनाई
  5. लगातार खांसी (जुकाम के कारण नहीं)
  6. गले और गर्दन में दर्द कानों तक जाना
  7. गर्दन में दर्द रहित सूजन

महिलाओं में थायराइड कैंसर के प्रकार 

थायराइड कैंसर के प्रकारों में शामिल है-

पैपिलरी थायराइड कैंसर (Papillary thyroid cancer):

थायराइड कैंसर का सबसे आम रूप, पैपिलरी थायराइड कैंसर कूपिक कोशिकाओं से उत्पन्न होता है, जो थायराइड हार्मोन का उत्पादन और भंडारण करते हैं। पैपिलरी थायराइड कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर यह 30 से 50 साल की उम्र के लोगों को प्रभावित करता है।

फॉलीक्यूलर थायराइड कैंसर (Follicular thyroid cancer):

फॉलीक्यूलर थायराइड कैंसर भी थायराइड की कूपिक कोशिकाओं से उत्पन्न होता है। यह आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। वहीं  हर्थेल सेल कैंसर एक दुर्लभ और संभावित रूप से अधिक आक्रामक प्रकार का कूपिक थायराइड कैंसर है।

मेडुलरी थायरॉयड कैंसर (Medullary thyroid cancer):

मेडुलरी थायराइड कैंसर सी कोशिकाओं नामक थायराइड कोशिकाओं में शुरू होता है, जो हार्मोन कैल्सीटोनिन का उत्पादन करते हैं। रक्त में कैल्सीटोनिन का ऊंचा स्तर एक बहुत ही प्रारंभिक अवस्था में थायराइड कैंसर का संकेत कर सकता है। कुछ आनुवांशिक सिंड्रोम से मेडुलरी थायराइड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, हालांकि यह आनुवंशिक लिंक असामान्य है।

थायराइड कैंसर का निदान 

थायराइड कैंसर का निदान करने के लिए डाक्टर पहले शारीरिक परीक्षण करते हैं। मरीज़ के स्वास्थ्य की स्तिथि, पारिवारिक बीमारी इतिहास व थायराइड के बारे में बातें पूछतें हैं। इसके अलावा थायराइड कैंसर का पता लगाने के लिए अन्य जांच की सलाह देता हैं। उनमें से कुछ जाँच यह हैं।

  • ब्लड टेस्ट 
  • थायराइड फक्शन टेस्ट
  • थायराइड का अल्ट्रासाउंड
  • थायराइड का स्कैन 

थायराइड कैंसर के उपचार  

थायराइड कैंसर का इलाज कैंसर के प्रकार, चरण व मरीज की परिस्तिथि के आधार पर किया जाता है। अधिकतर थायराइड कैंसर, समय पर उचित इलाज करने से ठीक हो जाता है। थायराइड कैंसर के उपचार में आमतौर पर ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। 

टोटल थायरॉयडेक्टॉमी:

यह थायराइड कैंसर के लिए सबसे आम सर्जरी है जिसका मकसद पूरी तरह से थायराइड ग्रंथि को हटाने और यह सुनिश्चित करना है कि कैंसर दोबारा न हो। 

लोबेक्टॉमी:

थायराइड में दो लोब होते हैं जो बीच में एक रेशेदार ऊतक पुल के साथ जुड़ जाते हैं जिन्हें इस्थमस कहा जाता है। यदि ट्यूमर केवल एक छोटे से क्षेत्र तक ही सीमित है, तो सर्जन प्रभावित लोब को हटा सकते है। 

लिम्फ नोड रिसेक्शन:

थायराइड कैंसर स्थानीय लिम्फ नोड्स में फैल सकता है और ये नोड अक्सर हटा दिए जाते हैं। प्रभावित लिम्फ नोड्स को केवल सर्जरी के समय ही पहचाना जा सकता है।  

यहाँ पर बतायी गयी जानकारियाँ थायराइड कैंसर के ऊपर थोड़ी बहुत रोशनी डालती हैं। हमें अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ख़याल रखना चाहिए। ख़ास कर हम महिलाओं को समय-समय पर अपना शारीरिक चेक उप कराते रहना चाहिए। सूपर विमन बनने की होड़ से खुद को दूर रख, अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। लाख टके की बात है जो महिलाएँ शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ हैं वो सभी के लिए एक प्रेरणा हैं।

डिस्क्लेमर : इस लेख को एक समान्य जानकारी हेतु पढ़ें। ये डॉक्टरी सलाह नहीं है। समय आने पर अपने डॉक्टर की राय अवश्य लें 

मूल चित्र: Cleveland Clinic, YouTube

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Ashlesha Thakur

Ashlesha Thakur started her foray into the world of media at the age of 7 as a child artist on All India Radio. After finishing her education she joined a Television News channel as a read more...

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