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समाज से अलग उनकी भावनाओं को भी जगह देते हैं, किसी का परिवार बनकर भी त्योहार मनाते हैं, तो किसी के अंधेरे घर को दीयों संग रोशन करते हैं...
समाज से अलग उनकी भावनाओं को भी जगह देते हैं, किसी का परिवार बनकर भी त्योहार मनाते हैं, तो किसी के अंधेरे घर को दीयों संग रोशन करते हैं…
चलो इस बार सबकी नहीं अपने दिल की सुनते हैं, इस दीवाली अपनों के साथ-साथ गैरों संग भी करते हैं। कुछ अपने और उनके दिल की भी सुनते हैं।
समाज से अलग उनकी भावनाओं को भी जगह देते हैं। किसी का परिवार बनकर भी त्योहार मनाते हैं, तो किसी के अंधेरे घर को दीयों संग रोशन करते हैं, चलो इस बार कुछ अलग करते हैं।
अब की बार विदेशी सामानों का बहिष्कार कर, स्वदेशी चीज़ों को अपनाते हैं, किसी कुम्हार के जज़्बातों से बने दीयों को खरीदकर, अपने घरों को और जगमग दीयों से सजाते हैं, चलो इस बार कुछ अलग करते हैं।
इमेज सोर्स: Still from the ad Reliance Digital, Apne Apne Rishton Ki Boli, YouTube
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