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सिर्फ़ मुस्कान में ही नहीं, आंसुओं में भी चाहिए, सिर्फ़ मौज मस्ती में ही नहीं, ज़िम्मेदारियों में भी चाहिए, घोंसला साँझा है तो जिम्मेदारियाँ भी सांझी होनी चाहिए...
सिर्फ़ मुस्कान में ही नहीं, आंसुओं में भी चाहिए, सिर्फ़ मौज मस्ती में ही नहीं, ज़िम्मेदारियों में भी चाहिए, घोंसला साँझा है तो जिम्मेदारियाँ भी सांझी होनी चाहिए…
मुझे बराबरी नहीं बस साझेदारी चाहिए चूल्हे चौके में ही नहीं खुले आसमान में भी चाहिए मुझे शासक नहीं, हमराही चाहिए सिर्फ़ हमसफ़र ही नहीं, हमराज़ भी चाहिए!
मुझे रहम नहीं, मेरा अधिकार चाहिए मुझे परमेश्वर नहीं, सिर्फ़ पति चाहिए मुझे बराबरी नहीं साझेदारी चाहिए!
मुझे बंधन नहीं, संबंध चाहिए सिर्फ़ मकान बनाने में ही नहीं अपितु दीवालों को घर बनाने में भी चाहिए बराबरी या हिस्सेदारी नहीं, बस साझेदारी चाहिए!
सिर्फ़ मुस्कान में ही नहीं, आंसुओं में भी चाहिए सिर्फ़ मौज मस्ती में ही नहीं, ज़िम्मेदारियों में भी चाहिए घोंसला साँझा है तो जिम्मेदारियाँ भी सांझी होनी चाहिए इसलिए मुझे बराबरी नहीं, बस साझेदारी चाहिए!
इमेज सोर्स: Creatas from Photo Images via Canva Pro
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