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2021 फोर्ब्स सूची में शामिल भारतीय महिलाएं साबित करती हैं कि वे डटी रहीं बेखौफ, केवल अपने ऊपर और अपनी क्षमताओं पर भरोसा करके।
फर्श से अर्श तक का सफर समान्य सफर तो नहीं ही होता है, कई चुनौतियां, बाधाएं और भारत जैसे देश में तो कई सामाजिक मान्यताएं भी साथ में सफर करती हैं। इन सामाजिक मान्यताओं के साथ महिलाओं का सफर अधिक चुनौतिपूर्ण हो जाता है क्योंकि उनके साथ विवाह और मातृत्व का सामाजिक दवाब भी होता है।
फोर्ब्स पत्रिका ने बीते दिनों दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की घोषणा की है। इस सूची में भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 37वें, HCL सीईओ रोशनी नादर मल्होत्रा 55वें,बायोकॉन की अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ 77 और नायका फाउंडर फाल्गुनी नायर 88 वें स्थान पर जगह बना पाई हैं।
बेशक, इन महिलाओं की सफलता और उनका संघर्ष आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। भारत जैसे देश में जहां महिलाओं के लड़कियां भले ही दसवीं या बाहरवी के परीक्षा में अव्वल आकर, उच्च शिक्षा में अदृश्य हो जाती है। जहां राजनीतिक दलों, न्यायिक व्यवस्था, सिविल सेवाओं और ट्रेड यूनियनों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला आरक्षण विधेयक लंबे समय से लटका पड़ा हो, जहां बड़ी संख्या में शिक्षित महिलाएं ग्रेजुएट महिला परिवार की केयरटेकर “घर पर तुम करती क्या हो” की भूमिका में हों, वहां फोर्ब्स पत्रिका में सूचीबद्ध की गई इन ताकतवर महिलाओं के बारे में जिन्होंने मुश्किल और चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों में कभी क्विट नहीं किया, ये सबको जानने की जरूरत है कि वह डटी रहीं बेखौफ, केवल अपने ऊपर और अपनी क्षमताओं पर भरोसा करके।
निर्मला सीतारमण मौजूदा सरकार के पहले कार्यकाल में पहले पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में रक्षा मंत्री बनकर पूर्व स्थापित परंपराओं को तोड़ने का काम किया था। मौजूदा सरकार के दूसरे कार्यकाल में वह बतौर वितृमंत्री कठिन चुनौतियों में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत जीडीपी का आधार देने के लिए संघर्ष कर रही है। भारतीय राजनीति में जब पैसा और परिवारवाद अपने चरम पर है वहां निर्मला सीतारमण जैसी एक मध्यवर्गीय महिला का ऊंचाईयों तक पहुंचना, उनकी एक अलहदा पहचान बनाता है।
पहले भी फोर्ब्स सूची में शामिल रह चुकी रोशनी नादर मल्होत्रा के लिए इस बार में भी सूची में होना नया नहीं है, वह कितने नंबर पर है यह बहुतों के लिए रूचि का विषय हो सकता है। HCL के संस्थापन शिव नादर की इकलौती बेटी रोशनी नादर भारत में किसी आइटी कंपनी को नेतृत्व देने वाली पहली महिला है एक यही बात उनको खास बनाता है। वह HCL के साथ-साथ कई कंपनी का नेतृत्व करने के साथ-साथ शिव नादर फाउंडेशन की ट्रस्टी भी है। विरासत में मिली कंपनी को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाना और लगातार उस बुलंदी पर पहुंच बनाए रखना रोशनी नादर मल्होत्रा के चुनौतियों से रूबरू करवा देता है कि यह आसान तो नहीं होगा।
फोर्ब्स सूची में किरण मजूमदार शॉ का नाम होना आर्श्चय में नहीं डालता, वह तो 2016 से ही इस सूची में शामिल हैं। पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किरण भारत में बायोकॉन की जिम्मेदारी के साथ अन्य कई भूमिकाओं का निर्वाह कर रही हैं। मल्टी टास्किंग विमेन की अगर सूची बनाई जाए तो किरण उसमें भी अवव्ल महिलाओं के सूची में शुमार होगी। भारत जैसे देश को अव्वल के सूची में पहली कतार में रखने के लिए देश को कई किरण मजूमदार की आवश्यकता है, एक किरण मज़ूमदार के सहारे यह हो नहीं सकता।
नायका कंपनी खड़ी करके पहले सेल्फ मेड महिला और उसके बाद अपनी कंपनी नायका स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश करने वाली भारत की पहली महिला नेतृत्व वाली कंपनी बनवा कर फाल्गुनी नायर इस वर्ष फोर्ब्स के सूची में शामिल होने वाली चौथी भारतीय हैं। फर्ग्य़ूसन एंड कंपनी से करियर शुरू करके कोटक महिंद्रा में 18 साल काम करने के बाद 2012 में नायक ब्यूटी और पर्सनल केयर कंपनी लांच किया, जो आनलाइन मार्केटप्लेस था। आज उनके 35 स्टोर है वह 1600 से अधिक लोगों के टीम को लीड करती हैं। बेहद समान्य से खास बन जाना ही फाल्गुनी नायर की सबसे बड़ी पूंजी है। नायका कंपनी उन्होंने अपने बूते पर खड़ा किया है यही कामयाबी उनको फोर्ब्स के सूची में लाता है।
इमेज सोर्स: Wikipedia
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