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मैं स्वयं लिखूंगी भाग्य मेरा…

समयचक्र है बदल गया, जो हुआ पुराना बीत गया। अब मुझसे टकराने का साहस न कर पाओगे तुम। मैं स्वयं लिखूंगी भाग्य मेरा।

तुम लोगों ने क्या सोचा
तुम लोग लिखोगे भाग्य मेरा?
पैसों के लालची,दहेज के भूखें
तुम सबने दानव का रूप धरा।

मेरे सम्मान को प्रतिपल
पैरों के नीचे है कुचला
धिक्कार है ऐसी माँ पर,
जिसने ऐसा कपूत जना।

दुनिया की हर नारी चरित्रहीन
तेरी माँ बहने बस देवी हैं?
मंदिर बनवा और कर पूजा
मुझे नहीं चाहिए साथ तेरा।

मार-पीट तेरा पागलपन
गाली तेरी बस मेरे लिए?
माँ बहनों पर लुटाने को
तेरे पास पैसो का भंडार भरा।

मालूम है औकात तेरी
और तेरे घरवालों की
संस्कारविहीन खुद माँ है तेरी
तो तुझको क्या देती शिक्षा?
धृतराष्ट्र बनें है पिता तेरे
माँ बहनों ने मंथरा रूप धरा।

तू दुर्योधन बन बैठा
घर में तुम सबने महाभारत रचा
मेरे पिता के दिये दहेज से ही
चमक रहा है घर ये तेरा
औकात तेरी दो कौड़ी की
औकात से बढ़कर रुपया है मिला।

हम चुपचाप रहे न कुछ बोले
हर पल तुम सबको माफ किया
तूने सोचा कमज़ोर हैं हम
ईश्वर को भी तू भूल गया
समयचक्र है बदल गया
जो हुआ पुराना बीत गया।

तेरे माँ-बाप को अपना समझा
बहुत किया मैंने सम्मान
बदले में मेरे माता-पिता का
किया बहुत तूने अपमान।

था वो समय जो बीत गया
अब जो दिया था,वो पायेगा
मेरे स्वाभिमान को ठेस लगी तो
तू धराशायी हो जाएगा।

तुझको हर बार दिया अवसर
पर हर बार दिया तूने धोखा
इतने वर्षों में तेरी हर गलती पर
तुझको मैंनें माफ किया।

अब अवसर नहीं चेतावनी है
जो मैं तुझको देती हूँ
अपनी पर आ जाऊँ मैं अगर
बर्बाद तुझे कर सकती हूँ
लेकिन ईश्वर पर छोड़ दिया मैंने
अब वही करेंगे हिसाब तेरा।

समयचक्र है बदल गया
जो हुआ पुराना बीत गया।
अब मुझसे टकराने का साहस
न कर पाओगे तुम।

मैं बदल गयी
अब संभल गयी हूँ
हर चाल तेरी मुझको है पता।

मैं स्वयं लिखूंगी
भाग्य मेरा
मेरे अपनों ने
मेरे सपनों ने
मेरे ईश्वर ने मेरा साथ दिया।

इमेज सोर्स : Still from The Woman(Vo Aurat)- A Housewife’s Story|Hindi Short Film|Youtube

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RashiDixit Sharma

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