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फ़िल्म शाबाश मिट्ठू में तापसी पन्नू खेलेंगी क्रिकेट, मिताली राज बन कर!

फ़िल्म शाबाश मिट्ठू में तापसी पन्नू बनेंगी क्रिकेटर मितली राज और ये फिल्म है मिताली राज के जोश और जुनून की कहानी और जानने के लिए आगे पढ़ें...

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फ़िल्म शाबाश मिट्ठू में तापसी पन्नू बनेंगी क्रिकेटर मितली राज और ये फिल्म है मिताली राज के जोश और जुनून की कहानी और जानने के लिए आगे पढ़ें…

इस देश की बेटियां किसी से कम नहीं हैं, ये उन्होंने बार-बार साबित करके दिखाया है। पढ़ाई हो या खेल, एक्टिंग हो या कानून की गलियां, हर जगह महिलाओं ने अपनी हिम्मत और काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक ऐसी ही महिला हैं हमारी क्रिकेटर मिताली राज।

क्रिकेट के पुरुष प्रधान समाज में मिताली ने अपने दम खम और लगन से कैसे सफलता हासिल की उसी की कहानी लेकर आ रहे हैं निर्देशक राहुल ढोलकिया और प्रोड्यूसर Viacom18 स्टूडियोज़। फिल्म की लीड एक्ट्रेस तापसी पन्नू ने सोशल मीडिया पर पोस्टर शेयर किया है। फिल्म का नाम है ‘शाबाश मिट्ठू’।

शाबाशी तो बनती ही है, मिताली को आज भले ही सब जानते हैं, पहचानते हैं लेकिन ये सब हासिल करने में उन्हें अपने दिन-रात एक करने पड़े। ये मिताली राज का जोश और जुनून ही है कि आज जब भी महिला क्रिकेट की बात होती है तो सबसे पहले उनका ही नाम ज़ेहन में आता है।

फिल्म फ़िल्म शाबाश मिट्ठू में तापसी पन्नू के फर्स्टलुक की काफी चर्चा हो रही है और इसे अच्छा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है। पोस्टर में तापसी क्रिकेटर की ड्रेस में शॉट मारती हुईं नज़र आ रही है। इसके कैप्शन में उन्होंने मिताली राज के बयान के साथ लिखा है – “मुझसे हमेशा पूछा गया कि आपका पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन है लेकिन हमें ये पूछना चाहिए कि आपकी पसंदीदा महिला क्रिकेटर कौन है।”

इस बयान ने हर क्रिकेट प्रेमी को कुछ पल रुककर सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वो खेल से प्यार करते हैं या फिर इस खेल को खेल रहे जेंडर से? स्किपर, आप ही असली ‘गेम चेंजर’ हो’। मिताली ने भी फ़िल्म शाबाश मिट्ठू में तापसी पन्नू को बधाई देते हुए पोस्टर के नीचे लिखा है Taapsee you ARE going to hit it out of the park!

तापसी का स्पोर्ट्स के लिए प्यार

तापसी इससे पहले भी कई स्पोर्ट्स फिल्मों में काम कर चुकी हैं। उन्हें बचपन से ही खेलों से लगाव रहा है ख़ासकर बैडमिंटन से। अपने इस प्यार को एक्टिंग के ज़रिए भी तापसी ने बरकरार रखा है। वो ख़ुद कहती है कि अगर मैं एक्ट्रेस ना होती तो स्पोर्ट्सवूमन होती।

तापसी ने फिल्म सूरमा और मनमर्ज़ियां में हॉकी प्लेयर का किरदार निभाया था जिसके लिए उन्होंने ट्रेनिंग भी ली थी। अभी हाल ही में तापसी की फिल्म सांड की आंख आई थी जिसमें उन्होंने 65 साल की शार्प शूटर चंद्रो तोमर का किरदार निभाया। अब इस फेहरिस्त में ‘शाबाश मिट्ठू’ भी जुड़ गई है। इसके बाद वो गुजराती एथलीट रश्मि रॉकेट की बायोपिक में भी नज़र आएंगी।

तापसी भले ही असल में स्पोर्ट्स वूमन ना बन पाई हों लेकिन ये अच्छी बात है कि वो अपने प्रोफेशन के ज़रिए इन महिलाओं की कहानी को आम जनता के सामने रख रही हैं। मैरी कॉम, पंगा, दंगल जैसी कई फिल्में जो हमारे देश की शानदार स्पोर्ट्सविमेन पर आधारित हैं, इन्होंने लोगों का मनोरंजन तो किया ही है साथ ही उन्हें प्रेरित भी किया है।

फिल्म की असली हीरोइन मिताली राज की कहानी

इस फिल्म की असली हीरोइन मिताली राज राजस्थान के जोधपुर शहर में एक तमिल परिवार में पैदा हुईं। उनके पिता दोराई एयरफोर्स में थे और मां लीला राज निजी कंपनी में नौकरी करती थीं। मिताली के पिता इंडियन एयर फोर्स की क्रिकेट टीम में भी क्रिकेट खेलते थे।

दोराई परिवार में अनुशासन की बहुत अहमियत थी इसलिए आलसी मिट्ठू को उनके माता-पिता ने क्लासिकल डांस सिखाना शुरू कर दिया ताकि उनके जीवन में अनुशासन बना रहे। मिताली के पिता ने ही उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए आगे बढ़ाया। 8 साल की उम्र में मिताली कत्थक सीख चुकी थीं और 10 साल की उम्र में क्रिकेट भी खेल रही थीं।

ऐसे ही धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए मिताली क्रिकेट प्रैक्टिस करने लगी और फिर कभी मुड़कर नहीं देखा। शुरुआती दिनों में वो लड़कों के साथ प्रैक्टिस किया करती थीं जो कई बार उन्हें लड़की होने की वजह से कमज़ोर समझते थे और कहते थे कि क्रिकेट लड़कियों के लिए नहीं हैं। लेकिन एक बार जो मिताली ने मेहनत शुरू की तो ये सब बातें उनके लिए बेकार थीं। इंसान मेहनत करके ही अपनी मंज़िल तक पहुंच सकता है और ऐसे ही मिताली भी बन गईं महिला क्रिकेट टीम की कप्तान।

उनका सफ़र 1999 में आयरलैंड के ख़िलाफ़ मैच से शुरु हुआ था जिसमें उन्होंने 114 रन बनाकर विश्व कप में शामिल होने का मौका पाया था। फिर तो मिताली एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाती गईं और सबका दिल जीत गईं। मिलाती राज वो भारतीय कप्तान हैं, जिनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने साल 2017 में महिला विश्वकप के फाइनल तक का सफ़र तय किया था। वह वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी हैं। मिताली राज को 2003 में अर्जुन अवॉर्ड और 2015 में पद्म श्री अवॉर्ड भी दिया  गया।

मिताली को क्रिकेट से भी ज्यादा किताबों से प्यार

मिताली राज किताबें पढ़ने की बहुत शौकीन हैं। उनकी पर्सनल लाइब्रेरी में 500 से ज्यादा क़िताबें हैं और उनके पास कई डिजिटल बुक्स भी हैं। वर्ल्ड कप 2017 के दौरान उनकी एक तस्वीर बहुत वायरल हुई थीं जब वो मैच ना देखकर रूमी की किताब पढ़ रही थीं। अपने इस शौक के बारे में वो कहती हैं “मुझे महान लोगों की आत्मकथाएं पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। किताबें आपको बहुत कुछ सिखाती हैं।”

मिताली क्रिकेट में किसी लालच से नहीं आई थीं बल्कि जिस समय में वो आई उस वक्त भारतीय महिला क्रिकेट की हालत भी कोई अच्छी नहीं थी। वो बताती हैं “मेरे माता-पिता ने मुझे क्रिकेटर बनाने के लिए सब खर्च कर दिया। क्रिकेटर बनने के बाद भी 16-17 साल तक कई मुश्किलें आईं।”

“एक तरफ़ पुरुष क्रिकेटर्स की लोग पूजा कर रहे थे, उनके बारे में पेपर्स भरे हुए थे और दूसरी तरफ़ महिला क्रिकेट के पास ना इंफ्रास्ट्रक्रर था ना स्पॉन्सरशिप्स। मैं ज़िंदगी में बहुत सिंपल चीज़ें चाहती हूं। मैंने क्रिकेट इसलिए शुरू किया क्योंकि मेरे पापा चाहते थे कि मैं खेलूं। मुझे ख़ुशी है कि आज मेरी वजह से मेरे माता-पिता गर्व महसूस करते हैं। खेल आपको अपनी हार भी संभालना सीखाता है और आपका व्यक्तित्व भी बनाता है। मेरा सिर्फ ये मानना है कि हर दिन एक जैसा नहीं होता। इसलिए बिना ये सोचे कि कब अच्छा होगा या ऐसा क्यों हो रहा है, आपको आगे बढ़ते रहना चाहिए। आज जब मैं इस मुकाम पर पहुंच गई हूं तो मैं भी बहुत खुश हूं।”

फ़िल्म शाबाश मिट्ठू में तापसी पन्नू को मिताली बनें ज़रूर देखें

देश की महिला क्रिकेटर मिताली राज की ये कहानी ज़रूर देखनी चाहिए क्योंकि मानिए ना मानिए हमने और अपने देश की महिला क्रिकेटर्स को उतना प्यार और सम्मान नहीं दिया जितना हम पुरुष खिलाड़ियों को देते हैं।

हम भी मान रहे हैं कि ये फिल्म आपको भी रुककर सोचने पर मजबूर कर देगी कि आप खेल से प्यार करते हैं या फिर इस खेल को खेल रहे जेंडर से। बस आपको थोड़ा इंतज़ार करना पड़ेगा 5 फरवरी 2021 का जब ये फिल्म रिलीज़ होगी। उम्मीद है मिट्ठू की कहानी आपके क्रिकेट के प्रति अंधे प्यार को सच्चे मायने दिखा दे।

मूल चित्र : YouTube 

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