कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
रिया ने जाना प्यार की एक नई परिभाषा को...दुनिया को दिखती ये हंसती तस्वीरें अपने पीछे कितनी दर्दभरी कहानियां छुपाये बैठी हैं।
रिया ने जाना प्यार की एक नई परिभाषा को…दुनिया को दिखती ये हंसती तस्वीरें अपने पीछे कितनी दर्दभरी कहानियां छुपाये बैठी हैं।
शादी को 5 महीने हो गए। लगता ही नहीं था रोहन और रिया पति पत्नी थे। साथ हो कर भी साथ ना होने जैसा कुछ उनके बीच में हमेशा सा लगता।
रिया और रोहन की अरेंज्ड मैरिज थी। हर आम लड़की की तरह रिया भी स्मार्ट, मॉडर्न, लंबे और आकर्षक लड़के के सपने देखती थी जो उसे प्यार करे और सहेजे। पापा के दूर की रिश्तेदारी में बात चली और रोहन का ज़िक्र हुआ। सबको लड़का बहुत अच्छा लगा और रिया के लिए बिल्कुल परफेक्ट, बैंगलोर में अच्छी कंपनी में नौकरी करता है। अच्छे परिवार से है और दिखने में ठीक है।
रिया ने जब लड़के को देखा तो वो उसके सपनों के राजकुमार जैसा नहीं था। उसने कभी अपने माता पिता से किसी चीज़ की जिद्द नहीं की थी। और आज भी शादी के लिए ना करने का वो कोई अच्छा कारण नहीं दे पा रही थी। बहुत धूम धाम से शादी हुई। रिया के ससुराल वाले बहुत अच्छे थे। दोनो बाहें फैलाकर उन्होंने बहु का स्वागत किया था। समय बीत और रिया भी रोहन के साथ बैंगलोर चली गयी।
रोहन रिया की खामोशी देख तो पा रहा था लेकिन समझ नहीं पा रहा था। नए माहौल का एक मीठा आश्वासन दे वो खुद को समझाये जा रहा था। वो उसे पसंद करने लगा था। सुबह चाय बनाते हुए उसे कनखियों से देख फिर नज़रें चुरा लेता। रात को सोने के बाद उसका प्यारा सा चेहरा निहारा करता। कभी उसके लिए प्यार से सतरंगी दुपट्टा खरीद कर ले आता कभी फूल पर उसका मन पढ़ने में लाचार महसूस करता।
यहां, रिया के मन में शिकायतों और अवसाद का बड़ा सैलाब उमड़ रहा था। घर पर भी वो ज़्यादा बात नहीं करती। माँ को उसकी बातों में एक नाराज़गी दिखाई पड़ती थी। सपनों में सजाये जीवनसाथी के प्रतिबिम्ब ने उसे ऐसा घेरा था कि वो जीवन की सच्चाई को स्वीकारने को तैयार ही नहीं थी। व्यस्त रहने के लिए रोहन के बताए एक कंपनी में उसने नौकरी शुरू कर ली। समय निकलता चला गया।
शादी को कुछ महीने हो चले थे। पड़ोस में रहने वाली सुरभि रिया की अच्छी दोस्त बन गयी थी। सुरभि और उसके पति की जोड़ी देख रिया मन मसोस जाती। आलीशान घर और किसी फिल्म के हीरो जैसा पति, किसी को और क्या चाहये। सुरभि का फ़ोन उसके पति की फ़ोटो से भरा रहता। सब प्रोफाइल फोटो उसके पति के साथ होते। रिया रोहन का नाम लेने या उसके बारे में ज़िक्र करने से कतराती। पति से मिलवाने का नाम सुन आफिस में कन्नी काटती। अपनी शादी के फोटो दिखाने से बचती।
एक शाम वो सुरभि के घर चाय पीने गयी। सुरभि के गाल पर काला निशान देख उसका हाल पूछ बैठी। कतराती आंखों ने रिया की उत्सुकता और बढ़ा दी। हमेशा चमकदार रहने वाला ये चेहरा आज मुरझाया सा??
कंधे पर हाथ रखते ही सुरभि फफक पड़ी और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। सुबकते हुए सुरभि ने बताया कि ये निशान रोहन की हाथ की थप्पड़ के हैं। रिया का हाल काटो तो खून नहीं जैसा था। पूरी गाथा सुनने पर पता चला आफिस के किसी दूसरे आदमी से हँस कर बात करने पर उसके पति ने उससे मारपीट की है।
ये आलीशान मकान सुरभि के पापा की ज़ायदाद के बँटवारे से मिले पैसों का था और सुरभि हर दिन एक अकेले प्यार को तरस रहे मुर्दे की तरह अपना दिन शुरू करती है और दुनिया की इस चकाचौंध में खुद को भुला देती है। ये सोशल मीडिया उसका साथी है जहां वो अपने ज़िन्दगी के इस कड़वे सच को जुठलती है।
सुरभि के घर से अपने घर का वो दो कदम का सफ़र दो दुनिया समेटे था।
रिया की आँखों के सामने पिछले कुछ महीनों की तस्वीर घूमने लगी। रोहन का खुद चलकर रिया को नौकरी करने की सलाह देना। उसे खुश देखने के लिए रोज़ रोज़ कुछ लेकर आना।वो चुपके से उसके सिरहाने गुलाब रख देना। उसकी बहनों को बोलकर मुझसे बात करने को कहना ताकि उसके ऑफिस जाने के बाद इसे अकेला ना महसूस हो। वो चाय के दीवाने का बेकार बनी चाय का भी मुस्कुरा कर पी लेना। वो हर छोटी बात जिस पर रिया को खुशी होती उसका रोहन का दोहराना। शादी के इतने महीने बाद भी सिर्फ उस एक पल की राह देखना जब रिया उससे प्यार से बात करने को तैयार होगी।
इस दो दुनिया के फासले ने रिया को नया पाठ पढ़ाया था। प्यार दिखावा, शारीरिक आकर्षण, सपनों में बंधे वो सच्चाई से दूर छलावे… प्यार नहीं है। उसने जाना प्यार की एक नई परिभाषा को….सम्मान ,एक दूसरे कर लिए इज़्ज़त, ख्याल। दुनिया को दिखती ये हंसती तस्वीरें अपने पीछे कितनी दर्दभरी कहानियां छुपाये बैठी हैं, कोई नहीं देखता। कोई आलीशान इमारत कितनी दबी ख़्वाहिशों की नींव पर खड़ी है, कोई नहीं जानता।
अपनी किस्मत पर इतराती हुई एक नई रिया शाम को रोहन का इन्तज़ार करने लगी।
आपके जीवन में भी तो होगा कोई प्यार को परिभाषित करने वाला! उसे कभी थोड़ा सा प्यार जताइये! आपकी भी तो होगी अपनी कोई प्यार की परिभाषा साझा ज़रूर करियेगा।
मूल चित्र : Canva
Now a days ..Vihaan's Mum...Wanderer at heart,extremely unstable in thoughts,readholic; which has cure only in blogs and books...my pen have words about parenting,women empowerment and wellness..love to delve read more...
Please enter your email address