कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

ऐ ज़िंदगी

कभी बारिश की तरह खूबसूरत है , तो कभी पतझड़ की तरह बे-रंगीन। ऐ' जिंदगी , तू सिखाती है, समझाती है। जीने की राह दिखाती हैं।

कभी बारिश की तरह खूबसूरत है , तो कभी पतझड़ की तरह बे-रंगीन। ऐ’ जिंदगी , तू सिखाती है, समझाती है। जीने की राह दिखाती हैं।

 

ऐ’ जिंदगी!

हंसाती भी तू  है, रुलाती भी तू है।

कभी छोटे तो कभी, बड़े ख्वाब दिखाती भी तू है।

कभी ज़िद्दी बनती है तो , कभी नादान भी तू है।

 

कभी तू खुद के लिए लड़ना भी सिखाती है तो,

कभी हालातों के साथ, समझौता करना भी सिखलाया है, तूने।

कभी मासूम, तो कभी समझदार बनाया है तूने।

 

तू है! तो मंजिल है , तू है तो रास्ते हैं।

तू है! तो खुशी है, तू है तो गम है।

कभी मनचाहे रंगों से तस्वीर बन जाती है तो,

कभी अनचाहे रंगों से तकदीर।

 

कभी बारिश की तरह खूबसूरत है , तो कभी पतझड़ की तरह बे-रंगीन।

ऐ’ जिंदगी , तू सिखाती है, समझाती है।

जीने की राह दिखाती हैं।

 

कहने को तो तू एक सफ़र है।

पर इस सफ़र में हर रात के बाद

एक नई सुबह का इंतजार करना भी तू सिखाती है।

 

ऐ’ ज़िंदगी

हंसाती भी तू है, रुलाती भी तू है।

कभी छोटे, तो कभी बड़े ख्वाब!

दिखाती भी तू है।

ऐ’ ज़िंदगी…….

 

मूल चित्र: Canva

 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

6 Posts | 10,013 Views
All Categories