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“काश! ये सपना सच हो जाए…” क्या आप भी ऐसा सोचती हैं?

अमर के लिए चाय, बच्चो के स्कूल टिफिन के लिए, आलू का पराठा, नाश्ते के लिए गरमा गर्म पोहे, बच्चों के लिए सैंडविच, सबके लिए ऑरेंज जूस, और...

अमर के लिए चाय, बच्चो के स्कूल टिफिन के लिए, आलू का पराठा, नाश्ते के लिए गरमा गर्म पोहे, बच्चों के लिए सैंडविच, सबके लिए ऑरेंज जूस, और…

आंख खुलते घड़ी पर नजर गई तो सुबह के छ: बज चुके थे। प्रिया पलंग के पास लगे बटन को दबा, दोनों बच्चो को प्यार से जगाने लगी। चार साल की रिया और छ: साल के ताशु ने प्रिया के गले में बांहे डाल दी, “गुड मॉर्निंग मम्मा!”

प्रिया के दोनों गालों पर बच्चो ने प्यार की मुहर लगा दी, “हैलो! बच्चों, गुड मॉर्निंग!”

“मैडम दूध का ग्लास तैयार है”, एलेक्सा ने अंदर आते ही मैसेज दिया।

“ओके! एलेक्सा”, तापसी दोनों बच्चो को दूध का ग्लास दे दिया, “जल्दी से दूध खत्म करो।”

अमर के लिए चाय, बच्चो के स्कूल टिफिन के लिए, आलू का पराठा। नाश्ते के लिए गरमा गर्म पोहे। बच्चो के लिए सैंडविच। सबके लिए ऑरेंज जूस। और… बाद में देखती हूं सोच, प्रिया ने एलेक्सा के रिमोट से ऑर्डर सेट कर दिए।

बच्चों को स्कूल बैग तैयार करने बोल। प्रिया खुद पति अमर को जगाने चल पड़ी।

“गुड मॉर्निंग! अमर”, न्यूज़ पेपर ले प्रिया अमर के पास बैठ गई।

“गुड मॉर्निंग प्रिया”, बोल अमर मुस्कुरा उठ बैठा।

“गुड मॉर्निंग! अमर सर, आपकी चाय ले आई हूं।” एलेक्सा चाय रख कर चली गई।

अमर चाय की चुस्कियों के साथ प्रिया से अखबार की ताजातरीन खबरें सुन रहा था।

हल्की गुलाबी रंग की साड़ी में, लाल रंग की बिंदिया चेहरे पर बिखरी लटे, अमर को प्रिया का यूं उसके पास बैठना बहुत पसंद था।

अमर ने प्रिया का हाथ अपने हाथों में थाम लिया।

टीटीटीटीटीआरटीटीटी………..

ओह! कितनी कर्कश आवाज है। प्रिया नींद से जागी। अलार्म घड़ी के बजने की आवाज थी ये तो।

वो अभी तक सो रही थी। हाय राम! अब तो सारे काम जल्दी जल्दी भाग कर करने पड़ेंगे। वो एलेक्सा! फिर प्रिया को खुद पर ही हंसी आ गई। वो तो उसकी कल्पना थी जो वो नींद में सच होते देख रही थी।

हुआ ये था कि रात में सब साथ में बैठ ट्रांसफार्मर नाम की फिल्म देख रहे थे। जिसमें मुख्य रूप से रोबोट को दिखाया गया था। तभी उसके बेटे ने बोला था, वो मम्मा के लिए एक ऐसा रोबोट बनाएगा, जो घर के सारे काम कर सके।और उसने सपने में एलेक्सा को कम करते देख भी लिया ।

प्रिया बच्चों को जगा, फटाफट किचेन में भागी काश! ये एलेक्सा सच में होती, कितना प्यारा सपना था।

आज के इस करोना काल में जिस तरह से हर गृहणी एक योद्धा की तरह सारे काम संभाल रही है सच में काबिले तारीफ है। कैसा लगा आप सब को प्रिया का ये सपना जरूर बताइएगा।

मूल चित्र : CamBuff from Getty Images via Canva Pro

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Khushi Kishore

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