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ऐ बेटी आ बचा लूँ तुझे…

आ दूर कहीं ले जांऊ तुझे, आ पलकों में छुपाऊं तुझे, जहां कोई न छू पाये तुझे, ऐ बेटी आ बचा लूँ तुझे।

आ दूर कहीं ले जांऊ तुझे, आ पलकों में छुपाऊं तुझे, जहां कोई न छू पाये तुझे, ऐ बेटी आ बचा लूँ तुझे।

ऐ बेटी आ बचा लूँ तुझे,
आ आंचल में छुपा लूँ तुझे,
ऐ बेटी आ बचा लूँ तुझे।

तेरी अस्मत के खरीदारों से,
इन समाज के ठेकेदारों से,
ऐ बेटी आ बचा लूँ तुझे।

तेरी रुह को नोचते दरिंदों से,
और घर में छुपे पासिंदो से,
ऐ बेटी आ बचा लूँ तुझे।

तेरे पल-पल जलते अंगों को,
जीवन से उड़ते रंगों को,
ऐ बेटी आ बचा लूँ तुझे।

आ दूर कहीं ले जांऊ तुझे,
आ पलकों में छुपाऊं तुझे,
जहां कोई न छू पाये तुझे,
ऐ बेटी आ बचा लूँ तुझे।

मूल चित्र : Unsplash

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