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सितारों मोतियों से सजी राखी ना हो चाहे बंधे प्रेम का एक-सा धागा भाई-बहन के हाथों में, रक्षाबंधन पर इस बार बहन मांगती है भाई से कुछ वचन...
सितारों मोतियों से सजी राखी ना हो चाहे बंधे प्रेम का एक-सा धागा भाई-बहन के हाथों में, रक्षाबंधन पर इस बार बहन मांगती है भाई से कुछ वचन…
रक्षाबंधन पर इस बार बहन मांगती है भाई से कुछ वचन
इस त्यौहार की रंगत कुछ ऐसी हो जैसे घुली होती है बराबरी की महक हवाओं में
सितारों मोतियों से सजी राखी ना हो चाहे बंधे प्रेम का एक-सा धागा भाई-बहन के हाथों में
वचन लें दोनों मिलकर करेंगे सम्मान एक दूजे के निर्णयों का नहीं घटने देंगे मान
एक दूजे की आजादी का बंधे विश्वास का एक-सा धागा भाई बहन के हाथों में
बांटेंगे सारे गम सारी खुशियाँ जिम्मेदारियां भी साथ – साथ जैसे मिलता हमें बराबरी का हक़ कुदरत के उपहारों में
रखेंगे ख़याल एक दूजे की मुस्कुराहटों का जैसे खिली रहती है बराबरी की हंसी फूलों में
इस त्यौहार की रंगत कुछ ऐसी हो बंधे मुस्कान का एक-सा धागा भाई-बहन के हाथों में…
मूल चित्र : Canva
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