कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

महिलाओं से जुड़े एक अहम मुद्दे की बात करती है फिल्म Sara’s

महिलाओं के शरीर पर उसकी पसंद को समझना जरूरी है खासकर जब मातृत्व की बात आती है तब, यही Sara's की कहानी का मुख्य थीम है।

महिलाओं के शरीर पर उसकी पसंद को समझना जरूरी है खासकर जब मातृत्व की बात आती है तब, यही Sara’s की कहानी का मुख्य थीम है।

कोरोना महामारी में थियेटरों के बंद होने के कारण कमोबेश सभी भाषा के फिल्म दुनिया के लोगों ने ओटीटी प्लेटफार्म को विकल्प के रूप में चुना है, जिसके कारण दर्शकों को घर बैठे मनोरंजन तो मिल ही रहा है, साथ ही गैर-भाषा-भाषी दर्शक भी सब-टाईल्स के सहारे बेहतर विषय पर कुछ बेहतर सिनेमा भी देख रहे है।

इस क्रम में पिछले दिनों अमेज़न प्राइम पर जूड एंथनी जोसेफ निर्देशित Sara’s रिलीज हुई जो मलयालम दर्शकों के अलावा गैर मलयाली दर्शकों को भी पसंद आ रही है।

इस मुख्य वज़ह इस फिल्म के कहानी का कामकाजी महिलाओं के महत्वकांक्षाओं से जुड़ा होना भी कहा जा सकता है। महिलाओं के शरीर पर उसकी पसंद को समझना जरूरी है खासकर जब मातृत्व की बात आती है तब यही इस कहानी का मुख्य थीम है।

क्या है Sara’s की कहानी

Sara’s एक महिला केंद्रित फिल्म है। पूरी कहानी में कमोबेश हर महिला को इस तरह ही दिखाया गया है कि महिलाओं का इस दुनिया में होना केवल बच्चा पैदा करने के लिए है।

कहानी की मुख्य़ पात्र सारा (अन्ना बेन) इन ख्यालों से अलग विचारों की इतनी अगल कि इस ख्याल से ही परेशान होकर उसने अपने स्कूल और कालेज के दोस्तों के साथ कोई रिश्ता नहीं बनाया।

सारा एक हंसमुख, करियर ओरिएंटेड मेहनती लड़की है, जिसका सपना, एक फिल्म निर्देशक बनने का है। उसकी मुलाकात जीवन (सन्नी बेन) से होती है जिसके ख्यालात भी बच्चों के बारे में सारा से मिलते-जुलते है। दोनों अपने कैरियर पर अधिक फोकस करने के ख्याल से शादी कर लेते हैं और फैमली प्लानिंग जैसे ख्याल को आगे के बढ़ाना चाहते हैं।

प्यार, जीवन और शादी के साथ उसके अपरिहार्य-सामाजिक दबाव भी आते हैं। इन सबों में सारा के अपने फिल्म के शुरूआत के सघर्ष भी साथ-साथ चलते हैं।

सारा बच्चा पैदा करने के सामाजिक-पारिवारिक दवाब से कैसे निपटती है? वह अपनी फिल्म का निर्देशन कर पाती है या नहीं? सारा का जीवन साथी उसके संघर्ष में साथ देता है या यह उसके अकेले का संघर्ष होता है?

इन सारे सवालों का जवाब आपको Sara’s देखने पर ही मिलेगे। एक स्ट्रांग मैसेज देने वाले विषय को इतने सहज तरीके से रखा गया है। वह आपको जरूर पसंद आयेगा।

क्यों देखनी चाहिए Sara’s

बेशक यह फिल्म उन महिलाओं के लिए है जो अपने सपनों का पीछा इसलिए नहीं कर पाती, क्योंकि वह एक डब्बाबंद जिंदगी के फंसकर रह गई है।

सारा स्कूल के दिनों से ही स्पष्ट है कि उसको अपने मातृत्व को लेकर कैसा रूख रखना है। सारा को अपने सपनों और फैसलों पर पूरा भरोसा है। वह जानती है कि उसके लिंग के कारण उसका संघर्ष थोड़ा बड़ा होने वाला है। इस बात को अन्ना बेन ने अपने अभिनय में सहज़ता से उताता है। विश्व जनसंख्या दिवस के पांच दिन पहले ही इस फिल्म का रिलीज होना, वैसे तो महज़ एक संयोग है।

परंतु, फिल्म की कहानी इस बात का इशारा दे देती है कि बच्चा पैदा करना केवल और केवल माँ का फैसला होना चाहिए, जब वह उसके लिए तैयार हो। यही नहीं इस जिम्मेदारी के लिए पुरुष को भी तैयार होना जरूरी है।

अभिनय और विषय ही दर्शकों को बांधे रखती है

Sara’s फिल्म की कहानी चूँकि महिलाओं के गर्भ के अधिकार और उसके इच्छा के आसपास घूमती है। जिसके साथ-साथ उसका कैरियर भी जुड़ा हुआ है। इसलिए फिल्म अपने विषय से ही दर्शकों को जकड़ लेती है।

पटकथा लेखल बेनी पी नायरम्बलम, अन्ना नेन के वास्तविक जीवन के पिता है। फिल्म में उनके ऑन-स्क्रीन पिता की भूमिका में है जो कूल डैड के तरह सारा के साथ खड़े रहते है।

निर्देशक एंथनी जोसेफ ने अपनी कहानी को बताने के लिए कहानी का मुख्य़ पात्रा सारा जिन सांस्कॄतिक मान्यताओं से लड़ती है। उसको नारीवाद के दायरे से बाहर रखकर फिल्माना एक चुनौति है। यह चुनौति तो उन सारी महत्कांक्षी और कैरियर प्रधान लड़कियों के साथ भी है क्योंकि वह फेमिनिस्ट नहीं है अपने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने के प्रति सजग है।

कहानी सुनाने में अन्य कलाकार समान्य ही रहे है पर वह अपनी बात कम्युनिकेट करने में कामयाब हो जाते है। मसलन जीवन के बहन और उनके बच्चे के साथ के दृश्य और बच्चों पर सारा और जीवन की बातचीत जो घरों और सिनेमा देखते समय थियेटरों में होती है।

यह कहना मुश्किल है कि Sara’s कामकाजी महिलाओं के बच्चे पैदा करने के अधिकार के बारे में सारे सवालों के जवाब दे देती है।

पर इतना जरूर बताती है कि बच्चे तभी पैदा करने चाहिए जब महिला पूरी तरह से तैयार हो और साथ में उसका पति भी। यह जिम्मेदारी दोनों जीवनसाथी की होनी चाहिए न कि केवल महिलाओं की। इनसे जुड़े सवालों पर केवल महिलाओं पर दवाब नहीं बनाया जाना चाहिए।

मूल चित्र: Stills from Movie Sara’s

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

240 Posts | 734,526 Views
All Categories