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शिल्पा शेट्टी के खर्चे के कारण राज कुंद्रा इस दलदल में धसते चले गए? क्या सच में लोगों को लगता है कि शिल्पा अपना खर्च नहीं उठा सकतीं?
बिज़नेसमैन राज कुंद्रा को कल मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर पोर्नोग्राफिक कंटेंट्स बनाने और उसको कई ऐप्स पर दिखाने का आरोप है। यह मामला इसी साल फरवरी में सामने आया था और उन पर केस दर्ज़ किया गया था।
इस मामले में कुछ और लोगों की भी गिरफ़्तारी हुई है। यहाँ बता दें राज कुंद्रा बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति हैं।
यह खबर मीडिया में आते ही लोगों ने राज के साथ-साथ शिल्पा शेट्टी को भी ट्रोल करना शुरू कर दिया। यह कहना गलत नहीं होगा कि ट्रोल करने वाले लोग राज से ज़्यादा शिल्पा को इस मामले में घसीट रहे हैं।
शिल्पा शेट्टी को इस मामले में ट्रोल कर रहे लोग अपनी मर्यादा भूल अभद्र टिप्पणियां कर रहे हैं। इसके पीछे का कारण सिर्फ इतना है कि शिल्पा एक महिला होने के साथ-साथ बॉलीवुड अभिनेत्री भी हैं।
महिला और वो भी अगर पब्लिक फ़िगर हो, तब तो ये लोग हर प्रकार के हथकंडे अपना उन्हें नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। देखने पर लगभग हर ट्रोल में शिल्पा का ही ज़िक्र मिलेगा। उनके पति ने क्या किया या क्यों किया इस बात को ताक पर रख लोगों का ध्यान सिर्फ इस बात पर है कि इन सब के लिए शिल्पा को कैसे ज़िम्मेदार बताया जाए।
राज कुंद्रा के इस केस में शिल्पा शेट्टी का इन्वॉल्वमेंट था या नहीं? इस बात का पता पुलिस ने किया ही होगा और ज़रूरत पड़ने पर पुलिस सही कदम उठाएगी ही।
राज कुंद्रा की गिरफ़्तारी के लिए पत्नी शिल्पा शेट्टी को ट्रोल कर अपमानित करना ग़लत है। यह केवल ट्रोल करने वाले की दूषित मानसिकता को दर्शाता है।
कुछ लोगों ने लिखा है कि शिल्पा शेट्टी के महंगे खर्चे उठाने के कारण राज इस दलदल में धसते चले गए। क्या सच में लोगों को लगता है कि शिल्पा अपना खर्च खुद उठाने में सक्षम नहीं हैं?
जो शादी के पहले से फिल्में व टेलीविज़न शोज़ कर रही हो, अपना यूट्यूब चैनल और कारोबार देख रही हों वो किसी और के पैसों की मोहताज होंगी? आश्चर्य होता है लोगों की ऐसी घटिया सोच पर। हर महिला आर्थिक रूप से अपने पति पर आश्रित होती ही हैं वाली सोच समाज को अभी भी जकड़े हुई है।
कई जगह शिल्पा को “हाई मेंटेनेंस” भी कहा गया है। यह सुन कर ऐसा नहीं लगता कि बात किसी वस्तु, घर या कपड़े के बारे में की जा रही है?
हमारे शिक्षित समाज में स्त्रियों के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग करना सामान्य बात है। अगर किसी ने हिम्मत करके इसका विरोध कर भी दिया तो वही शिक्षित लोग इस बात को मज़ाक का नाम दे कर निकल जाते हैं। अगर मान लें कि ये मज़ाक है तो ऐसा मज़ाक महिलाओं के साथ ही क्यों होता है?
पति का नाम अगर किसी तरह के अपराध से जुड़ गया है तो क्या पत्नी भी दोषी हो जाती है?
ऐसा नहीं हो सकता कि पत्नी को इसके बारे में कोई भनक भी न लगी हो? महिलाओं को दोषी मानना वो भी किसी दूसरे के किए अपराध के लिए इतना आसान क्यों है?
महिलाओं को हमेशा किसी न किसी पुरुष जैसे कि पिता-पति-भाई-बेटा के साथ जोड़ कर ही देखा जाता है। उनकी अपनी एक अलग पहचान होती है यह कई बुद्धिजीविओं की समझ से परे है। ग़लती किसी की भी हो पर उसके पीछे किसी न किसी महिला का हाथ है, इस बात को हमारा समाज सुनिश्चित कर के ही दम लेता है। फिर सच्चाई चाहे जो भी हो, इससे उन्हें क्या?
मूल चित्र : Still from Aapki News report and SET India report,YouTube
Ashlesha Thakur started her foray into the world of media at the age of 7 as a child artist on All India Radio. After finishing her education she joined a Television News channel as a read more...
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