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यामी गौतम कहती हैं उन्हें केराटोसिस पिलारिस है! क्या है केराटोसिस पिलारिस? इसके लक्षण क्या हैं? ये किन्हें हो सकता है? इसका इलाज क्या है?
बॉलीवुड और खूबसूरती एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। बॉलीवुड में टैलेंट के बाद कोई चीज सबसे ज्यादा मायने रखती है तो वो सुंदरता ही है। ऐसे में बॉलीवुड अभिनेत्री यामी गौतम की इंस्टाग्राम पोस्ट ने मुझे तब चौंका दिया जब कई तरह की कॉस्मेटिक उत्पादों को प्रोमोट करने वाली यामी ने अपनी स्किन को ले कर एक बात शेयर की।
अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में यामी ने कहा कि वो सालों से एक ऐसी स्किन की बीमारी से जूझ रही हैं जिसका कोई इलाज ही नहीं है। बॉलीवुड में जहाँ सुंदरता को एक बड़ा पैमाना माना जाता है वहाँ टिके रहने का बाद यामी की ये घोषणा कि सालों जूझने और सबसे छिपाने के बाद अब वो और इस बीमारी को नहीं छुपायेंगी और इस मुद्दे पे खुद के बात करेंगी। उनकी ये बात मेरी नज़रों में काबिले तारीफ है।
यामी इंस्टाग्राम पे अपनी कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “हेलो मेरी इंस्टा फॅमिली! हाल ही मैंने कुछ तस्वीरों के लिये शूट किया और जब मेरी वो तस्वीरें पोस्ट प्रोडक्शन के लिये जाने ही वाली थीं, जो कि एक समान्य सी बात है, तो मैंने खुद से कहा, “यामी – तुम इसे स्वीकार क्यों नहीं कर लेतीं?”
यामी कहती हैं कि जो लोग इस कंडीशन के बारे में नहीं जानते है उन्हें बता दूँ कि ये एक स्किन कंडीशन है जिसमें त्वचा पे छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। मुझे लगता है ये इतने बुरे नहीं होते जितना की आपका दिमाग़ और पड़ोस वाली आंटी इसे बना देती हैं। मुझे ये समस्या किशोरवस्था में हुई थी और इसका कोई इलाज नहीं।
यामी कहती हैं कि कई सालों तक उन्होंने इसे बर्दाश्त किया और अब अपने डर और असुरक्षा को दरकिनार कर इस सच को स्वीकार किया साथ ही आप सब के साथ बाँटने का साहस किया।
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यामी के साहस भरी पोस्ट को खुब सराहना भी मिल रही है। यामी गौतम की पोस्ट पढ़ने के बाद मुझे यकीन है की मेरे साथ साथ आप सब भी केराटोसिस पिलारिस को गहराई से जानने के लिये बेहद उत्सुक होंगे तो वहीं कुछ ऐसे पाठक भी होंगे जो इस समस्या से जूझ रहे होंगे।
तो आइये जाने क्या है ये स्किन कंडीशन और क्या है इसके लक्षण और कारण
• कैराटोसिस पाईलारिस एक ऐसी स्किन कंडीशन है जिसमें स्किन के ऊपर खुरदुरे पैच, सुखापन, छोटा उभार दिखाई देता है। • आमतौर पे ये बांह, गाल, जाँघ, नितम्ब पे दिखाई पड़ते हैं। इससे स्किन पे खुरदुरापन आ जाता है और जलन भी होती है। • ये हल्के रंग के होते है लेकिन कभी कभी इसमें सूजन और लालिमा भी आ जाती है। • ये संक्रामक नहीं होते ना ही इसमें किसी प्रकार की खुजली या असहजता होती है।
• ये समस्या करीब 50-80% किशोरों को और 40% वयस्को को प्रभावित करती है। • पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इस बीमारी की संभावना अधिक होती है। • वैसे तो ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन यंग एज में इसके होने की संभावना अधिक होती है। • एक रिसर्च के मुताबिक करीब 92 प्रतिशत लोगो को ये समस्या अपर आर्म्स में होती है, तो करीब 30 प्रतिशत को नितम्ब और 59 प्रतिशत को जांघो में ये समस्या आती है। • प्रेगनेंसी में इसके ख़राब होने की आशंका होती है। • मोटापे से ग्रस्त लोगो को ये समस्या हो सकती है
• बाँह, गाल, जाँघ, नितम्ब पे छोटे छोटे दर्दरहित दाने आना • मौसम बदलने के साथ स्किन में खुरदुरापन और सुखपन आना • उभार की वजह से मांस (एक्स्ट्रा फैट ) बाहर की तरफ दिखाई देना • त्वचा गर्म रहना, बुखार आना या फिर दर्द होना • क्रीम और ऑइल के इस्तेमाल के बाद भी खुजली की परेशानी होना • घरेलु उपचार के बाद भी ठीक ना होना • कभी कभी उलटी आना भी इस समस्या की ओर संकेत करता है
केराटोसिस पिलारिस होने की मुख्य वज़ह कैराटिन प्रोटीन है जो स्किन को इन्फेक्शन से बचाती है। जब ये बनती है तब हेयर फॉलीकल के ओपनिंग पोर्स ब्लॉक हो जाते हैं जिसकी वज़ह से ये बीमारी होती है। इसके अलावा भी कुछ कारण हो सकते हैं जैसे :
• आपका जेंडर • इस रोग का फॅमिली हिस्ट्री होना • स्किन का प्रकार ड्राई होना • सर्द मौसम का होना
वैसे तो ये बीमारी कोई ख़तरनाक बीमारी की श्रेणी में नहीं आती लेकिन डॉक्टर यही सलाह देते हैं कि किसी भी तरह की त्वचा संबंधी समस्या होने पे चिकित्सक से संपर्क करें। चिकित्सक ही सही व्यक्ति होते है जो जाँच के बाद इस रोग की पुष्टि करते हैं। आमतौर पे 30 वर्ष की आयु तक ये रोग खुद ठीक हो जाता है।
वैसे तो ये रोग गंभीर नहीं है लेकिन दुर्भाग्यवश इसका कोई सटीक इलाज भी नहीं है। कई बार ये बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है तो कई बार इलाज के बाद भी परेशान करती है। डॉक्टर द्वारा मेडिकेटेड क्रीम इसके इलाज में दी जाती है लेकिन अक्सर ये देखा गया है की क्रीम का इस्तेमाल बंद करते ही ये रोग वापस आ जाता है।
इस बीमारी के इलाज में लेजर ट्रीटमेंट का भी सहारा लिया जाता है। जब क्रीम बेअसर हो जाती है तब इस ट्रीटमेंट का सहारा लालिमा दूर करने के लिये किया जाता है।
• नहाने के लिये गुनगुने पानी का इस्तेमाल करे • ऐसे साबुन के इस्तेमाल से बचे जिससे स्किन ड्राई हो जाये • क्रीम का इस्तेमाल करे जिससे त्वचा में नमी बनी रहे • टाइट कपड़ो को पहनने से बचे, क्यूंकि टाइट कपड़ो से त्वचा में घर्षण हो सकता है • नारियल तेल का नियमित इस्तेमाल भी इस बीमारी में लाभदायक हो सकता है
अब जैसा की हम सब जानते हैं कि केराटोसिस पिलारिस एक त्वचा संबंधी रोग है, यहाँ ये जानना आवश्यक है कि ये समस्या कोई एलर्जी की समस्या नहीं होती लेकिन उचित देख-रेख और जानकारी के अभाव में इसकी वजह से एज़ीमा की समस्या जरूर हो जाती है।
मेरा तो आप सब से यही अनुरोध है कि अपने डॉक्टर खुद ना बने और ना ही त्वचा की इन समस्याओं को अनदेखा करें। कई बार ये छोटी दिखने वाली समस्या बड़ी परेशानी की वजह बन बैठती है।
यामी गौतम के इस बीमारी पे खुल के बोलने और अपनी समस्या सबके साथ सांझा करने से आम लोगों के बीच एक जागरूकता आयेगी इसका मुझे विश्वास है। यामी को मेरे तरफ से धन्यवाद और ढेरों शुभकामनायें!
इमेज सोर्स : Yami Gautam/Instagram
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