कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

माँ, मैंने कुछ गलत तो नहीं किया ना…

माँ, अनुज का चक्कर दूसरी लड़की से चल रहा है। पहले वो घर से बाहर मिलता था लेकिन जब मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया तो वो निडर हो गया...

माँ, अनुज का चक्कर दूसरी लड़की से चल रहा है। पहले वो घर से बाहर मिलता था लेकिन जब मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया तो वो निडर हो गया…

“नमन बेटा किसी को पता ना चले कि हम यहाँ हमेशा के लिए आए हैं। तुम वादा करो कि ये बात…”

मगर अंदर आतीं माँ ने इसे सुन लिया और एक पल के लिए तो उनका पैर नहीं जम गया मगर फिर भी वे हिम्मत करके अंदर आ गयीं।

“सीमा! क्या हुआ? तुमने अभी क्या कहा? सब ठीक तो है? दामाद जी से तुम्हारी लड़ाई हुई है क्या?”

“नहीं तो माँ!” सीमा एकदम से उठकर खड़ी हो गई।

“नमन तुम बाहर जाकर खेलो”, माँ ने कहा।

“सही-सही बताओ बेटा! मेरा दिल बैठा जा रहा है…”

सीमा एकदम से माँ के सीने से लगकर रो पड़ी।

“माँ, अनुज का चक्कर दूसरी लड़की से चल रहा है। पहले वो घर से बाहर मिलता था लेकिन जब मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया तो वो निड़र हो गया अब घर में भी बुला लेता है। मैंने मना किया तो वो उसी लड़की के सामने मुझसे लड़ने लगा हाथ भी उठा लिया था। मैंने भी उसे थप्पड़ मार दिया और घर छोड़ कर चली आई… माँ मैंने गलत तो नहीं किया ना?”

“नहीं जीजी! भला आप क्यों गलत करेंगी? आप तो हमेशा सही होती हैं। इतनी बड़ी बात हो गयी आप ने अपना घर छोड़ दिया? अपने पति को थप्पड़ मार दिया फिर भी इतनी मासूम सी सूरत बना कर अपनी माँ से पूछ रहीं हैं कि आपने कुछ गलत तो नहीं किया? माँ तो हमेशा आप की तरफदारी करतीं हैं  इतनी बड़ी बात में भी वो आपको सही ही साबित कर देंगी। और जो कसर बची है, वो आपके दो भाई हैं ना पूरी करने के लिए…”

वो अपनी माँ से बात कर रही थी मगर पता नहीं कहाँ से उसकी भाभी आ गयी थी और शायद उसने पूरी बात सुन ली थी। इसलिए आते ही आव देखा ना ताव शुरू हो गई…

सीमा का आना तो उसे वैसे ही पसंद नहीं था और इस बार आई तो हमेशा के लिए फिर भला उससे कैसे बर्दाश्त होता?

सीमा मुजरिम बनी अपने छोटे भाई की बीवी को देख रही थी। कितनी चाहत से अपने भाई के लिए पसंद किया था। कितना प्यार करती थी उससे मगर प्यार दोनों तरफ से हो तभी प्यार होता है।

पता नहीं क्यों सीमा का मायके आना नैना को अच्छा ही नहीं लगता था। शायद सीमा को मायके में इतना प्यार मिलता था, इसलिए? दोनों भाई, माँ सब उस पर जान छिड़कते थे इसलिए नैना को एक आंख ये सब नहीं भाता था।

“तुम चुप रहो बहू! अभी उसकी माँ जिंदा है। क्या सही है क्या गलत है उसे मैंं देखूंगी तुम परेशान मत हो”, माँ ने अपनी बेटी का झुका सर देखकर उसे पकड़ कर बैठाते हुए कहा।

“सब जानती हूँ मैंं! गलती इनकी ही रही होगी। जैसे यहाँ सब पर हुक्म चलातीं थीं वही सब वहाँ भी करना चाहती होगीं। मगर जीजा ने चलने ना दिया होगा और इनको क्या जरूरत थी उनसे बहस करने की वो भी थप्पड़ मारने की? पतियों का नेचर तो थोड़ा बहुत… हर लड़की को थोड़ा बहुत तो बर्दाश्त कर के रहना ही पड़ता है…”

“नैना खामोश हो जाओ। सोच समझ कर बोला करो। सुना नहीं इसने क्या बताया? और कौन लड़की बर्दाश्त करेगी कि उसका पति किसी और लड़की के साथ… जाओ यहाँ से हर बात में टांग अड़ाना जरुरी नहीं है।”

“सारा खर्च तो इनके ऊपर ही आ जाएगा ना? इस घर की सारी जिम्मेदारी पहले ही उठा रहे हैं। अब कितना बढ़ जाएगा। आप को कहाँ पता कितनी मेहनत करते हैं तब जाकर पैसे आते हैं। पहले ही समय की पढ़ाई, आपका खर्चा, और अब जीजी के भी…”

“हाँ! मुझे कहाँ पता होगा? मैंने कौन सी दुनिया देखी? मैंंने कहाँ तुम्हारे पति को बड़ा किया है? मैंंने कहाँ कुछ उसके लिए कभी किया? सब तो तुमने ही किया! पांच साल से तुम ही तो सब कर रही हो। उसके एक एक पल का हिसाब तुम ही रख रही हो…”,

माँ को एकदम गुस्सा आ गया। वो कुछ बोलने ही नहीं दे रही थी खुद ही बोलती जा रही थी। उसके समझ में ही नहीं आ रहा था कि सीमा कितनी तकलीफ में होगी। शादी के बाद अपना घर छोड़ कर उस जैसी भाभी के घर आना कितना मुश्किल फैसला किया होगा।

“माँ मेरी वजह से…”, सीमा ने रोते हुए माँ के सामने हाथ जोड़ दिया।

“तू क्यों रो रही है पागल? हमारी तो किस्मत ही खराब है”, उन्होंने नैना की तरफ देखते हुए कहा।

“तेरे बाबा की नौकरी मिली है इनके पति को। देख नहीं रही हो कितनी लम्बी जुबान चल रही है इनकी? जिस पति के बारे में ये बात कर रही हैं ना उस पति को इस काबिल मैंंने और तुम्हारे बाबा ने और तुमने बनाया है। कोई एहसान नहीं कर रहा है वो हमें दो वक़्त की रोटी खिलाकर।”

माँ भी रो दी थीं।

“माँ! आप ना रोइए प्लीज! मेरे भाई तो ऐसे नहीं हैं ना। मैंं कोई ना कोई इंतजाम कर ही लूंगी। आपने मुझे इस काबिल तो बनाया ही है कि मैंं अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हूँ अपनी और अपने बेटे का खर्च उठा सकती हूँ। बस थोड़ा सा सहारा चाहिए था आपका, अपने भाइयों का। इसीलिए चली आई थी। मुझे पता है जितना आप मुझे समझती हैं, उतना ही मेरे भाई भी समझेंगे मुझे। और कुछ नहीं चाहिए बस आप सबका साथ चाहिए। थोड़ा सा सपोर्ट चाहिए”, वो अपनी माँ के आंसू साफ करती हुई बोली।

“मैंं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ। तुम्हारा जो फैसला होगा मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी और तुम जब तक चाहो यहाँ रह सकती हो अगर किसी को ज्यादा दिक्कत हो तो वो इस घर से जा सकता है। ये घर अभी भी मेरे नाम है और इस घर में तुम्हारा भी उतना ही हक़ है जितना और सबका। और खबरदार! अगर आज के बाद किसी ने मेरी बेटी से ऊंची आवाज में बात की तो मैंं भूल जाऊंगी कि उसी बेटी से मैंंने वादा किया था कि बहू को उसकी जगह बेटी मानूंगी।

और उस इंसान को भी हम नहीं छोड़ेंगे जिसने तुमको इतना दर्द दिया है। तुमको इतना नहीं सहना था मेरी बच्ची। तेरी माँ है ना तेरे दर्द को बाँटने के लिए। तू आज भी मेरी बच्ची है, जैसे शादी से पहले थी। पहले तो छोटी-छोटी बातें मुझसे बताती थी। आज इतनी बड़ी बात हो गई और इतनी देर कर दिया बताने में?”

उन्होंने सीमा को सीने से लगाते हुए कहा तो वो भी एकदम से उनके साथ लगकर रो दी थी।

इमेज सोर्स: Mother-In-Law Hates Her Son’s Wife Because Of Her Dark Skin/Nijo Jonson, YouTube 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

29 Posts | 422,616 Views
All Categories