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वेब सीरीज़ अरण्यक की ‘कस्तूरी’ एक पावरफुल इंस्पेक्टर, बीवी और मां है

अरण्यक वेब सीरीज़ में मातृत्व और करियर संभाल रही महिला का किरदार निभा रही रवीना टंडन कहती हैं कि एक औरत के संघर्ष को सब जानते ज़रूर हैं लेकिन कोई इसपर बात नहीं करना चाहता।

अरण्यक वेब सीरीज़ में मातृत्व और करियर संभाल रही महिला का किरदार निभा रही रवीना टंडन कहती हैं कि एक औरत के संघर्ष को सब जानते ज़रूर हैं लेकिन कोई इसपर बात नहीं करना चाहता।

स्पॉयलर अलर्ट 

अभिनेत्री रवीना टंडन भी वेब प्लेटफॉर्म के ज़रिए अपने करियर को नया मोड़ देने वाले कलाकारों की फेहरिस्त में शामिल हो गई हैं। 10 दिसंबर को नेटफ्लिक्स पर आई उनकी इस सीरीज़ का नाम है अरण्यक यानि जंगली या जंगल से जुड़ा हुआ। अपने नाम की तरह ही ये कहानी, इस कहानी का हर किरदार और हर किस्सा जंगल से जुड़ा हुआ है।

सिरोना नाम का ख़ूबसूरत पहाड़ी इलाक़ा है जहां 19 साल पहले नर तेंदुए ने कई लड़कियों की हत्या कर दी थी। ये कहानी सालों पहले धुंधली पड़ गई थी लेकिन हाल-फिलहाल सिरोना के पुराने ज़ख़्म फिर से हरे हो गए थे। अभी तक ये भी रहस्य है कि नर तेंदुआ कोई है भी या नहीं क्योंकि उसे ना किसी ने देखा ना और ना ही कोई पकड़ा पाया है। हालांकि, गांव के लोग इस कहानी को सच मानते हैं और जो नहीं मानते वो अपने फ़ायदे के लिए इसे सच या अफ़वाह बनाकर फैलाना चाहते हैं।

ये कहानी शुरू होती है थोड़ी पीछे से जहां अंगद नाम के पुलिस इंस्पेक्टर ने अपने बेटे को खो दिया है। उसका बेटा स्कूल फंक्शन के दौरान उठा लिया जाता है जिसका आज तक कुछ पता नहीं चला। सालों बाद भी अपराधी अंगद के हाथ नहीं लगा। इन परिस्थितियों की वजह से उसकी बीवी और बेटा अब उसके साथ नहीं हैं। अपने मुश्किल वक्त से बाहर निकलने के बाद वो आज उसकी पोस्टिंग सिरोना में हो गई है जहां आते ही उसके हाथ एक बड़ा केस लग जाता है।

दूसरी और हैं कस्तूरी जी यानि इंस्पेक्टर का रोल निभा रहीं रवीना टंडन। उनके परिवार में हैं पति हरि, बेटा, बेटी और उनके ससुर महादेव (आशुतोष राणा) जो पुलिस में सालों तक हवलदार रहने के बाद रिटायर हो चुके हैं। वो सिरोना में इकलौते शख्स थे जिनका नर तेंदुए से कुछ हद तक सामना हुआ था। तब से अब तक वो उसे पकड़ने का कोई ना कोई रास्ता खोजते रहते हैं।

कस्तूरी अपने परिवार को पूरा समय देने के लिए पुलिस की नौकरी से एक साल की छुट्टी लेने का मन बनाती है लेकिन जिस समय वो ऐसा करने की सोचती है कि फिरंगी लड़की की मौत का एक केस सामने आ जाता है।

एक सच्ची पुलिस इंस्पेक्टर होने के कारण उसे इस केस से दूर रहने का मन नहीं करता। जैसे कि बरसों आपने जिस चीज़ का इंतज़ार किया वो आपके सामने हैं लेकिन आपके पास अब वक्त नहीं है। केस में एक-दो दिन बिताने के बाद कस्तूरी इतना घुस जाती है कि फिर अपनी छुट्टी कैंसिल करके इंस्पेक्टर अंगद के साथ इसकी तफ्तीश में लग जाती है क्योंकि अब उसे लगने लगता है कि इस केस को वो जितना हल्का मान रही थी वैसा नहीं है। दूसरी तरफ़ वो ये भी नहीं चाहती कि कोई बाहर से आया इंस्पेक्टर उसके अपने शहर सिरोना का केस सुलझा दे। कस्तूरी सिरोना के चप्पे-चप्पे को जानती है इसलिए केस खत्म होने तक अपनी पुलिस की ड्यूटी पूरी करने का मन बना लेती है।

कस्तूरी पूरी कोशिश करती है कि काम के साथ-साथ वो अपने परिवार और बच्चों का भी ख्याल रखे। इतने मुश्किल केस के बावजूद भी वो अपनी ड्यूटी ख़त्म करके सीधे बच्चों के पास आती है और उनका ख्याल रखने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती। कस्तूरी की बेटी भी अपनी मां का पूरा साथ देती है। कभी-कभी वो मां को ड्यूटी पर जाने से पहला उनका टिफ़िन बॉक्स भी पैक करती है। वो अपनी मां के जुनून को समझती है।

अपनी बेटी नूतन के लिए कस्तूरी एक मां से बढ़कर एक दोस्त है जो उसकी हर परेशानी में उसका साथ देती है। नूतन का एग्ज़ाम अच्छा नहीं होता तो कस्तूरी उसे डांटती नहीं बल्कि हिम्मत रखने को कहती है। बहुत मुश्किल समय में भी वह एक माँ का किरदार भी बखूबी निभाती है।

कस्तूरी का पति हरि हमेशा से इंस्पेक्टर बनना चाहता था लेकिन किसी कारणवश बन नहीं पाता तो एक साइबर कैफे चलाता है। अपनी बीवी के घर और बच्चों के कम समय देने की बात हरि को बहुत खलती है वो अलग बात है कि वो ख़ुद भी अपने परिवार को ज़्यादा समय नहीं देता लेकिन सारा आरोप कस्तूरी पर ही लगाता है। उसके मेल-ईगो को सबसे ज़्यादा इस बात का ग़म होता है कि उसकी बीवी इंस्पेक्टर है जो वो ख़ुद कभी नहीं बन पाया। अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए वो कस्तूरी को ताने भी कस देता है और उसके साथ ग़लत बर्ताव करने की कोशिश भी करता है लेकिन कस्तूरी उसे ऐसा नहीं करने देती। वो उसके ग़लत को ग़लत ही बोलती है।

अपनी इस सीरीज़ में मातृत्व और करियर संभाल रही महिला का किरदार निभा रही रवीना टंडन कहती हैं, “एक औरत के संघर्ष को सब जानते ज़रूर हैं लेकिन कोई इसपर बात नहीं करना चाहता। हम शायद खुशकिस्मत है कि हमें अपने परिवारों का समर्थन मिलता है लेकिन अधिकतर महिलाओं के पास ऐसा सपोर्ट नहीं होता। जो महिलाएं अपने सपने और परिवार को बैलेंस करने की कोशिश करती है अगर वो कहीं चूक जाती हैं तो उन्हें ताने दिए जाते हैं। एक महिला को अपने करियर और परिवार के लिए दुगुनी मेहनत से काम करना पड़ता है।”

रवीना  कहती हैं कि इस कहानी को चुनने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी थी कि इसमें एक स्ट्रॉग महिला का किरदार लिखा गया है जो ख़ुद पर और अपने काम पर पूरा विश्वास करती है और वो यही मैसेज दुनिया को देना चाहती हैं।

इस सीरीज़ के सभी किरदारों की अपनी-अपनी कहानी है यहां तक की नर तेंदुए की भी। फिरंगी लड़की की मौत के पीछे छिपे सच को जानने की जिज्ञासा और अब ये नहीं बताऊंगी कि नर तेंदुआ की कहानी क्या है क्योंकि जिसका ज़िक्र पूरी सीरीज़ में होता रहा उसमें पूरा ना सही कुछ सच तो ज़रूर होगा। फिलहाल इतना कहूंगी कि लेखक चारुदत्त आचार्य और रोहन सिप्पी, डायरेक्टर विनय वायकुल की यह बेव सीरीज़ आपको बांधे रखने में ज़रूर सफ़ल होगी।

इमेज सोर्स: Still from Aranyak Trailer via YouTube 

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