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मुझे सताना हो गया हो तो जान, उस लड़के को सबक सिखा आयें, छेड़ा था उसने कल जिस लड़की को, थोड़ा आराम उसे भी दे आयें।
घरेलु हिंसा के ज़्यादातर मामले घर की चारदीवारी से बाहर नहीं आते। जब घरेलू मामले घरेलू बनकर अपना गला घोंट दें, तो कानून सिर्फ कानून बनकर रह जाते हैं।
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