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after working in corporates first in training and then in HRA for more than a decade. A commerce graduate ,she has a diploma in international business management . With avid interests in hindustani classical vocal and handloom and handmade ,she loves to pen down her feelings in hindi and english . अपर्णा घोष,एक दशक से अधिक कॉर्पोरेट् सेक्टर में कार्यरत रह चुकीं हैं । एक वाणिज्य स्नातक, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रबंधन में स्नातकोत्तर हैं। हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, हथकरघा और हस्तनिर्मित में रुचि के साथ,वह हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में अपनी भावनाओं को कलमबद्ध करना पसंद करती हैं। इनकी रचनाएँ विभिन्न मंचो पर सराही जाती रहीं हैं। कई सांझा काव्य संकलनों में इनकी कविताएँ प्रकाशित हो चुकीं हैं
यादें मेरी कभी ओस की बूंदों सी,तारों पर मोती बन सताएंगी तुम्हें।कभी घास पर ही मसल दी जाएंगी,मिटकर भी मज़ा दे जाएंगी तुम्हें।
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