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मैं एक स्कूल में हिंदी की शिक्षिका हूं, मुझे किताबें पढ़ने, घूमने और लिखने का शौक है।
शादी के दिन एक रस्म होती है, इस रस्म में जेठ अपने भाई की बहू को चुनरी ओढ़ाते हैं और उसके बाद से वो दोनों एक दूसरे को छू नहीं सकते।
मत बांधों स्वयं को किसी लक्ष्मण रेखा से, आसमान देख रहा है राह तुम्हारी, उठो पंख फैलाओ, ऊंची उड़ान भरो तुम।
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