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एक बार तो तुमने नज़रें भी मिलायीं, चाहत को यकीन हो गया, उन्हें हमसे प्यार है पर बहुत भीतरघुन्ना है तुम्हारा प्यार, खुलकर कुछ बोलता ही नहीं।
हवा में फैलती है एक सुनहरी लहर, एक उजली चादर, सुबह की जमे हुए कुहासे को निगलती। जाड़े के धुएं को समेटती...
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