कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
एक मंदिर में प्रवेश पाने के लिए औरतों को अपने अस्तित्व को ही सिद्ध करना पड़े तो न्यायसंगत होगा कि औरतों को हर मंदिर में जाना बंद कर देना चाहिए।
गर्भ में ससुराल में,भीड़भरे बाज़ार में, नारी को इंसान होने का ही प्रमाण नहीं, तो क्यों उस नारी को गर्वांवित कर महिला दिवस मनाऊ मैं?
ले कर्ज सबका सर पर भारी, वो जमीन से अलविदा हो गए, कुछ खास ही थे वो चेहरे, जो देश की मिट्टी में ही खो गए।
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