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मैं हु आज की नारी जो रहती हु हमेशा टिपटॉप और रखती हु विचार हर मुद्दे पर बेबाक ढंग से,गलत के खिलाफ आवाज उठाती हु और साथ देती हु सही का
"आज बोल दिया, फिर मत बोलना! मेरा बेटा क्यों रहेगा पागल? मर्द लोगों को थोड़ा गुस्सा आ जाता है। चीखने-चिलाने से कोई मर्द पागल नहीं बन जाता।"
"ये कैसे बोल रही हो अपने पापा से? डॉक्टर बन गयी हो तो इसका मतलब ये नहीं कि अपने पापा से कुछ भी बोल दोगी", दादी ने अवनि को गुस्से से बोला।
"माँ, आप देखो सिंक बर्तन से भरा है, घर का हाल देख लीजिये! ये नहीं कि थोड़ा टाइम निकाल ले। छोटी सी बच्ची है घर में। पता नहीं कैसी माँ है!"
उसका साथ कोई नहीं दे रहा था ना घरवाले ना पुलिस वाले। घरवाले उस पर जुल्म कर रहे थे और पुलिस वाले उसका साथ देने के बजाय...
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