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Kshama Anvesha

मेरे लिए लिखना कैथार्सिस की तरह है। मन और मस्तिष्क में लगातार चलती उथल-पुथल को शांत करने और विचारों के ताने-बाने को सुलझाने का एक माध्यम है। रोजमर्रा में घटित हुई घटनाएं और मेरे खुद के अनुभव मुझे लिखने के लिए मजबूर करते हैं।

Voice of Kshama Anvesha

कंफर्ट जोन से निकलेंगे तभी तो कुछ सीखेंगे

जीवन के लिए एक सीख भी मिली कि ज़रा से अनकंफर्ट के सामने घुटने टेक कर उस संतुष्टि की अनुभूति से वंचित नहीं रहना है।

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21 से पहले शादी नहीं: प्यार और शादी से ज्यादा जरूरी है मेरा अपने पैरों पर खड़ा होना

हम ऐसे देश में रहते है जहां आज भी ज्यादातर लड़कियों को सिर्फ इसलिए पढ़ाया जाता है ताकि वो शादी के लिए सूटेबल लड़की के खांचे में फिट हो सकें।

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द मैरिड वुमन की पहचान है उसकी अपनी कोई पहचान न होना!

वेब सीरीज द मैरिड वुमन में आस्था का पति, घर सँभालने और हर सेकंड सैटरडे को सेक्स के लिए प्रस्तुत रहने के अलावा आस्था कुछ है, वह नहीं जानता।

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ससुराल घर जैसा थोड़ा ही हो सकता है…है ना?

उसके हिस्से में आती है गंदे बर्तनों से भरी रसोई, गंदे पानी से बजबजाता सिंक और घर के पुरुषों द्वारा खाने के बाद झूठन से पटी मेज।

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The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

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