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"पर कोई मुझसे तो पूछे, कि सच नहीं ये जीवन मेरा, ये तो बस एक कहानी है"- ज़रूरी नहीं कि जो दिखे वही सच्चाई है। कई मर्तबा जो नज़र आता है वह हक़ीक़त से कहीं परे होता है।
ससुराल में कदम रखते ही सास ने कहा,"बहु बनके चलो घर मैं", तब एहसास हुआ ज़िन्दगी पलट गई। अब बेटी का प्यार नहीं, बहु के नियम निभाने थे।
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