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कुछ गुणवत्तायुक्त लिखने का प्रयास रहा है मेरा,ताकि पाठकों को एसे लेख प्रस्तुत कर सकूँ जो उनके लिये लाभप्रद हो।
भारत हिंदी साहित्य के इतिहास का एक सुनहरा युग थीं मशहूर लेखिका शिवानी, इस आम भारतीय स्त्री की कलम से लिखी गई कहानी हर एक को अपनी सी लगती है।
दामाद के हाव भाव मुझे कुछ याद दिला रहे थे, हूबहू ..मेरी ... मैं ...अरे! नहीं नहीं! ...मैं..मैं कतई ..ऐसा नहीं हूँ। मैंने अपने विचार और सर दोनों को जोर से झटका।
पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों की फांसी के डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अब उनका कल सुबह 5:30 बजे फांसी पर लटकना तय है।
फांसी के पहले निर्भया बलात्कार के एक दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी ने फांसी के पहले मांगा तलाक और कहां मुझे उसकी विधवा कहलाना मंजूर नहीं। 16 दिसंबर 2012 की जिस सर्द रात को चलती बस में बेरहमी से एक बलात्कार हुआ, उसके बाद पीड़िता को बचाया नहीं जा सका हमने पीड़िता को एक नाम […]
टाइम मैगज़ीन 100 वूमन ऑफ द ईयर का ऐलान हुआ और इन सम्मानित महिलाओं की लिस्ट में शामिल हैं भारत की इंदिरा गाँधी और अमृत कौर।
विलेज स्टोरी की अनामिका बिष्ट ने ना केवल अपने जुदा अंदाज़ से सबका ध्यान आकर्षित किया है बल्कि एक महिला होते हुए स्क्वायर फ़ीट फार्मिंग में अनोखी पहल की।
सभी पढ़ी-लिखी बहू की उम्मीद करते हैं, कमाऊ बहू ढूँढ़ते हैं, मगर कर्तव्य वह गाँव की अनपढ़ बहू जैसे निभाए। दिमागदार हो, पर अधिकार की जानकारी ना हो।
अभी विदाई का दर्द झेला है और मोड़ में मुड़ते ही खुशी की आगोश में गले तक डूबे देवर, ननंद, सास और ससुराल वालों के सामने मुस्कुराने की विवशता।
मुझे देखते ही काकी चिल्लाई, "ए देख! लाली मेरे मनौती के धागे कितने पक्के निकले। मेरा केसु सात समंदर पार से आया है, मेरी बहू को लेके!
बहुत सी साड़ी देखने के बाद संजना को एक नीले रंग की साड़ी पसंद आई। वह कुछ कहती, उसके पहले ही साड़ी वाले ने कहा, "हां आंटी! यह साड़ी आप पर खूब जचेगी!"
रोज़-रोज़ सिगरेट के दाग से जलते रहने के बाद रीना ने दामोदर को सबक सीखने का निश्चय कर लिया। उस दिन जब दामोदर रीना की तरफ बढ़ा तो....
मतदान पेटी तक पहुँची 10 में से 4 महिलाओं को बताया जाता है कि अपना बहुमूल्य वोट किस निशान को देना है। कईयों को तो ये भी नहीं मालूम कि जिस पर निशान लगा कर आईं है, उस प्रत्याशी का नाम क्या है?
चार दिन घर के सारे काम जो किये, माला ने सुनिश्चित कर लिया कि अब वह अपनी कामवाली बाई को केवल इस्तेमाल नहीं करेगी, उसे भी इंसान समझेगी।
2020 बजट से महिलाओं को हैं खास उम्मीदें, किचन के सामान सस्ते होने से लेकर सुरक्षा पर ज़ोर, कामकाजी महिलाओं व लड़कियां के लिए कुछ विशेष प्रावधान हों।
इस विधेयक के तहत गर्भपात की अधिकतम सीमा 20 हफ्ते से बढ़कर 24 हफ्ते कर दी गई है। अब महिलायें प्रेगनेंसी के 24वें हफ्ते में भी वैद्य गर्भपात करा सकेंगी।
स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल व्योममित्र रोबोट सारी स्त्री जाति के विकास का परिचायक है स्त्री की भूमिका अब किसी परिधि में बांधी नहीं जा सकती।
महिलाओं को प्राप्त होने वाले भारत के इस सर्वोच्च सम्मान से सारी स्त्री जाति खुद को गौरान्वित महसूस कर रही है। इन सभी को हमारी हार्दिक शुभकामाएं।
लॉ में करियर चुनकर एक स्त्री के तौर पर आप स्त्रियों पर होने वाली हिंसा के खिलाफ अपने फीमेल क्लाइंट्स को न्याय दिला सकती हैं।
जैसे पति अपने वर्कप्लेस में तैयार होकर जाते हैं, वैसे ही हमें भी अपने वर्कप्लेस में तैयार होकर रहना चाहिए, अगर आप अपने घर की रानी हैं तो दिखें भी।
हज़ारों आवाज़ों को अनसुना कर के, क्या हमें इस तरह के व्यक्ति को आमंत्रित करना चाहिए जो महिलाों और अन्य समूहों के खिलाफ इतनी अभद्र टिप्पणी करता है?
अब गुलाबी गैंग के तर्ज़ पर एक होकर बुलंद आवाज़ उठाने का समय, ताकि सो कॉल्ड घर की इज़्ज़त के नाम पर महिलाएं शोषित ना होती रहें।
आज वही दौर वापस आ गया है, पहले तुझे था मेरा इंतज़ार, आज तेरे इंतजार में मेरा ठहरा हुआ वक्त, कुछ और ठहर गया है, यह वक्त भी, गुज़र जाएगा और गुज़र जाएंगे हम भी।
क्या सब उस छठे आरोपी, जो अब नाबालिग नहीं रहा, के अगले अपराध का इन्तज़ार कर रहे हैं? फिर उसके बाद ही उसे सजा देंगे? यही न्याय है क्या?
लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी के माध्यम से, फिल्म छपाक में एसिड से पीड़ित लड़कियों के दर्द और संघर्ष को नजदीक से महसूस किया जा सकता है।
मकर संक्रांति के व्यंजन क्यूंकि सर्दी के मौसम में खाये जाते हैं, इसलिए इस मौके पर देवताओं को भी तिल, गजक और गुड़ से बने लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि, निर्भया केस ने, जो जागरूकता की मशाल जलाई, जितना लड़कियों को आन्दोलित किया, उतना और किसी केस में सम्भव नहीं हो पाया।
अपने स्तर पर जितना दबाव हम बना सकते हैं, बनाएं, ताकि अपराधी ऐसी घिनौनी हरकत को अंजाम देने के पहले थर-थर कांपने लग जाए कि अब उसकी दर्दनाक मौत निश्चित है।
पुलिस की लापरवाही की वजह से उन्नाव की इस वीरांगना के शरीर में लगी आग की जलन अब देश की हर एक लड़की महसूस करेगी और इस सिस्टम से लड़ती रहेगी।
उम्र की संख्या तो बढ़ती जा रही है, लेकिन उसका जोश भी दुगनी गति से बढ़ रहा है और अब वह शिकायतों का पिटारा नहीं, निराकरण करने वाली महिला बनना चाहती है।
क्यों नहीं एक मिसाल प्रस्तुत की गई कभी भी, सारे आरोपियों को तत्काल दंडित करके, ताकि आगे कभी भी किसी लड़की को अपने लड़की होने पर डर नहीं लगे?
सबरीमाला में बिंदु अम्मिनी पर हमला हमारे पितृसत्तात्मक समाज के बारे में बहुत कुछ कह रहा है और कब तक हम सब कुछ चुपचाप सहते रहेंगे?
ऐसा नहीं है कि मैं दोबारा जन्म नहीं लेना चाहती पर इस बार मेरी अपनी कुछ शर्तें होंगी, क्या आप इन्हें मानने के लिए तैयार हैं?
जब तक जीवन है तब तक कोई ना कोई मुश्किलें आती रहेंगी। इन्ही में से कुछ लम्हे चुरा के मुस्करा लो, ज़िंदगी कबूल करो और अपना लो। एक बार मुस्कुरा दो यार!
मुझे गर्व है कि तुम्हें अपने, अपनी बहन व अपनी सहेली के सम्मान को बचाने के लिए किसी पुरुष के कन्धों की कोई आवश्यकता नहीं है।
नाम में क्या रखा है बेटा। मुझे इस धरती ने बिना मांगे ही सब दिया।मैं भी कुछ आने वाली पीढ़ी को विरासत मे देना चाहता हूं।ये घने वृक्ष और इनकी छाया।
हमारे युवा नशे में डूबें, शराब-खोरी करें, ग़ैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाएं, हीरो का अनुकरण करने वाले देश में फिल्मों का ऐसा विषय नहीं होना चाहिए।
इन सभी बच्चों में शीतल भी थी। उसके मुंह से लगातार 'मम्मी-मम्मी' निकल रहा था। वह नहीं जानती थी कि हर दुःख से दूर रखने वाली उसकी मम्मी यहां नहीं है।
कार्तिक ने आठ वचन की शादी के लिए कई पत्रकार दोस्तों को आमंत्रण दिया। आमंत्रण पत्र के प्रारुप को पढ़कर जिज्ञासा वश कई लोग इस शादी में आने को उत्सुक होने लगे।
क्या स्त्री का गुण पर्याप्त नहीं होता। उससे क्यों अपेक्षा रखी जाती है कि सुन्दरता ही उसका मूलभूत गुण है? सुंदर ना होने से उसके गुणों का कोई मोल नहीं?
चंदर आपके दिए खाने की भीख या दया को मेहनत की कमाई में बदल रहा है। उसके सम्मान की दौड़ में मेरे जूते उसे जीत दिलाएंगे। आप उसे ये जूते दे दो।
हिसाब के अनुसार उसके पास महीने भर के खर्चे निकालने के बाद केवल तीन हज़ार रुपये ही बचते हैं, यह भी खर्च हो गए तो, पूरा महीना और खाली बटुआ।
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