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Occupation -Lawyer , Blogger, Author, Social activities, " If my view at any one person to intratect and understanding my inner surface how to I explained and why I explained this is too much for me" ((कोई भी बदलाव एक ही दिन नहीं होता, उसके लिए सदिया जगनी पड़ती है)) ।।रंजनी श्रीमुख शांडिल्य।।
परिवार का साथ होने से होता किसी स्वर्ग का एहसास। ये परिवार है हम सबके होने से स्वर्ग का एक मार्ग,ये परिवार है एक खूबसूरत सा एहसास।
उतरते इन पायलों की कसम,तू मुझे आज भी मेरे ही रूह में क्यों किसी आत्मा की तरह नजर आते ही दिल को तेरी सारी बाते मुझे एक एक कर के रुला रही हैं।
टुकड़े टुकड़े में ही सही, सब कुछ तुम्हारे लिए ही व्यवस्थित किया है वैसे तो थोड़ा कम है लेकिन सब कुछ तेरे लिए सजा के रखा है।
दर्द की सीमा या पैरामीटर होता तो कितना अच्छा होता, काश मैं उन सबको दर्द दिखा देती कि मैं झूठ नहीं थी। मेरे दर्द असिम और पीड़ा आसमान को छू रहे थे!
मैं कल्पना में उसकी तस्वीर साथ रखती हूँ, चलो आज मैं तुम सब से उसकी बात करती हूँ। चलो आज मैं उसे तुम सब पहचान करती हूँ...
मैं रंजनी(आनंदित) हूँ, रजनी(रात)नहीं, मैं, अब सिर्फ मैं हूँ, किसी की अब मैं कोई प्रवंचना नहीं। मैं राही हूँ अपने ही मंज़िल का...
यह स्त्री की बात है, नहीं किसी की जमीन जायदात है, है अधिकार हमें भी गरिमा से जीने का, इसमें भीख मांगने वाली क्या बात?
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