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हर घर की मैं मुस्कान हूँ , शान हूँ। मेरे सहनशक्ति व त्यागमयी ममता मेरी ढाल हैं। कमजोर न समझना मेरा अस्तित्व चट्टान की तरह विशाल हैं।
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