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I love to write.
तुम्हें अपनी खुशियों का ख्याल ख़ुद रखना होगा, तुम्हें भी अपनी चॉइस से जीने का अधिकार है। बहुत प्यार लुटा लिया सब पर, अब थोड़ी ख़ुद से मोहब्बत कर लो।
जिस प्रकार आप हमेशा 16 बरस की नहीं दिख सकतीं और उम्र का बढ़ना तय है, उसी प्रकार माँ बनने के बाद आने वाले बदलावों को सकारात्मक नज़रिए से स्वीकारें।
शादी को एक साल बीत गया। सोमेश दो-चार बार आया भी, लेकिन उसका आना ना आना, एक समान ही होता था। दिया को इस इंतज़ार से अब घुटन होने लगी थी।
मैं अपनी बेटी को अजनबी नहीं बना पाऊँगी, हर दुःख-दर्द में उसका साथ निभाऊँगी, ज़्यादा से ज़्यादा एक बुरी माँ ही तो कहलाऊँगी।
बेटे को घर-गृहस्थी के काम सिखाना तौहीन और उनकी परवारिश में कोई विशेष अहतियात नहीं बरतना, विचारों के इसी बुनियादी अंतर ने महिलाओं को मशीन बना दिया है।
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