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फिर खेलकूद जैसे गैर ज़रूरी चीजों से जुड़ने के लिए ज़्यादातर भारतीय औरतों को किसी भी ओर से कोई प्रोत्साहन और सुविधा आसानी से नहीं मिलती है ।
संविधान को मानना पड़ रहा है, एलजीबीटीक्यू सम्प्रदाय के हर मानवाधिकारो को, बहुत धीमे ही सही पर ज़रूर इस देश में "रुख हवा का बदल रहा है"।
टुकटुकी दास और उनकी एम.ए इंग्लिश चायवाली का बुलंद सफर उनके मन में उसी दिन शुरू हो गया, अपनी अलग ब्रांड वाली चाय का एक टी स्टॉल बनाना!
खुद को वह छूती है, कभी बड़ों की किसी इरोटिक कहानी, उनको सोचते हुए! हस्तमैथुन करना सही है या गलत ये प्रश्न या ये नाम उसके मन में नहीं आया है अब तक...
दुनिया की पहली कवि एनहेदुअन्ना की कहानी क्या है? निन-मे-सारा, देवी इनन्ना की यह 153 पंक्तियों की स्तुति उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना है।
सोनिटा अलीज़ादेह के गानों में एक ऐसी विश्वजनीनता है, जो सिर्फ अफ़ग़ान ही नहीं, दुनिया की हर उस औरत पर लागू होती है जो पुरुषतंत्र का शिकार है...
'माँ और मैं', एक बेटी और उसकी माँ में होने वाली गुफ़्तगू को अपने दिल के करीब पाएंगे और ये अंदाज़ा लगा पाएँगे कि कौन किसको, कितना जानता है, कितना समझता है।
लहरों में कश्तियाँ भी होती हैं कुछ, जिन पर निकल जाती हूँ मन ही मन, फिर मेरा लौटना ज़रूरी हो जाता है, व्यवस्थाओं को सींचने शायद!
भारत छोड़ो आंदोलन में समाज के हर छोर से ऐसी ही औरतें शामिल हुईं जिन्होंने अपने साहस, नेतृत्व और त्याग से भारत में नारीवाद का एक नया इतिहास लिखा।
'साईकल पर सवार उसकी ज़िन्दगी अब संतुलित होने को है।' विश्व साईकल दिवस के अवसर पर एक सच्ची कहानी, जिसे बहुतों ने जिया है, अपने-अपने तरीकों से।
"भाभी को सरपंच पद पर चुनाव में खड़ा कर दीजिये भैया। इससे चित और पट दोनों आप ही के रहेंगे। है कि नहीं?"
माँ मूलमती के लिए रामप्रसाद बिस्मिल ने लिखा, "यदि मुझे ऐसी माता नहीं मिलती तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों के भांति संसार चक्र में फंस कर जीवन निर्वाह करता।"
क्या होगा अगर अब कह दूँ, मेरे प्रश्नों के कोई उत्तर किसी के पास नहीं थे, तो जीवित दफ़ना कर मुझे देवी बना दिया! सदियाँ बीत गईं, यह इक्कीसवीं सदी है ना?
भिक्षुओं से चौरासी नियम अधिक हमारे लिए रच कर, हे मर्द महाबोधि, आप ने भी साबित कर दिया, औरतों के लिए कभी कोई धर्म नहीं बना।
गौमाता के कितने भक्त! पर क्या इनमे से किसी को उसकी ज़रा सी भी फ़िक्र है?
एक नयी कविता जो अभी मन के झरोखे से निकली है। क्या शांति में ही सदैव समझदारी है - दो लघु कविताएं।
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