कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
कभी माता पिता तो कभी पति का सोचा तूने, कभी बच्चों के लिए रात भर जागी, तो कभी उन्हीं भारी पलकों के साथ पति का इंतजार किया तूने...
इतने ध्यान से रामायण देखने वालों क्या अपने बच्चों को इतना नहीं सीखा पाए रावण की तरह एक स्त्री की इज़्ज़त करें या आप कभी खुद एक स्त्री की इज़्ज़त नहीं कर पाए?
तूने भी तो यही माँगा था कि घर बैठ कर परिवार के साथ वक़्त बिताये, आज ये परिवार के साथ रहना बुरा लग रहा? आज ये बोला जा रहा 'मानो ज़िन्दगी गई?'
अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!
Please enter your email address