कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
हमारे साथ मौजूद हैं विमेंस वेब-हिंदी के टॉप लेखक जिनको आज हम तहे दिल से धन्यवाद देते हैं। कुछ दिन पहले हमने इनके साथ एक लाइव किया था। पेश है उस लाइव के कुछ अंश, ख़ास आपके लिए।
प्रेम तो आपको सभी बंधनों से आज़ाद करता है न? ये कैसा प्यार और ये कैसा रिश्ता है जो आपको जकड़ देता है, कैद कर देता है और धीरे-धीरे रोज़ आपका गला घोंटता रहता है?
आपका बंटी सिर्फ एक 9 साल के ऐसे बच्चे की कहानी नहीं है, जिसके माँ-बाप ने तलाक ले लिया है और वह खुद को अवांछित महसूस करता है बल्कि उस औरत की भी है...
यूं तो विमला मेरे घर काम करने आती है पर हम दोनों एक दूसरे से अपने मन की कह लेते हैं, वरना इस चार दीवारी में मेरा दम कब का घुट गया होता।
ऑफिस से घर आकर मम्मी खाना बनाती और अगर पापा सब्ज़ी काटते तो दादी कहतीं, "हमने कभी अपने लड़कों से काम नहीं करवाया, अब तो बेचारे! सब करते हैं।"
उन दोनों के कुछ समझ नहीं आ रहा था ये क्या हो रहा है पर एक अजीब सा डर, अजीब सी घुटन उन्हें महसूस हो रही थी और कुछ था जो उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था।
हिंदी लेखिका मन्नू भंडारी: सबसे बड़ा बंधन स्त्रियों के लिए संस्कारों से मुक्ति का है। संस्कारों से मुक्ति स्त्री मुक्ति का पहला और अनिवार्य क़दम है।
"फिर और कुछ देखने और पढ़ने का मन नहीं किया। हाँ एक सवाल जो अक्सर मेरा पीछा किया करता है, आज मुझे उसका उत्तर मिल गया था..."
अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!
Please enter your email address