कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
21 जून योगा डे के दिन हर नारी को अपने लिए समय निकाल योग अभ्यास शुरू करने का निर्णय लेना चाहिए।योग अपनाइये, रोग भगाइये।
शेरनी को पकड़ने के लिए जंगल में कैमरे लगाए जाते हैं, पहरेदारी बढ़ाई जाती है, यहां तक दफ्तर में यज्ञ-हवन भी कराया जाता है।
पेड़-पौधे लगाकर, पानी बचाकर आप किसी और पर नहीं खुद पर एहसान कर रहे हैं क्योंकि पर्यावरण को बचाएँगे तभी ज़िंदा रह पाएँगे।
कोरोना काल में हुई ऑक्सीजन की कमी और सांसों के लिए संघर्ष करते चेहरों ने हरियाली की एहमियत हमें समझा दी है।
महिलाएँ कब तक घरेलू हिंसा का शिकार होती रहेंगी? घरों के अंदर छिपी ऐसी कितनी ही कहानियाँ हैं जो सामने ही नहीं आ पाती।
लेकिन लिखने से जो सूकून मुझे मिलता है, उसका स्वाद हर कोई नहीं चख सकता। अब चाहे कुछ भी हो, मैं लिखती रहूँगी। खुद से ये मेरा चैलेन्ज है।
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