कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

कम्युनिटी प्रस्तुत
एक बार मुड़ कर ज़रूर देख लेना…

एक आखरी कदम से पहले, उस पहले कदम को संभाल लेना। एक बार, बस एक बार, मुड़ के ज़रूर देख लेना। बस एक बार पुकार कर देख लेना...

टिप्पणी देखें ( 0 )
किस्मत पर नहीं चलता किसी का बस

राम को पता था सीता निर्दोष है, फिर भी सीता वन को गई। ये सब किस्मत का खेल है भाई, इस पर बस किसी का चलता नहीं।

टिप्पणी देखें ( 0 )
रिश्तों के लिए करनी पड़ती है खुद से बेईमानी

रिश्तों की डोर को बनाए रखने के लिए मन को शांत रखना होता है। खुद की पहचान छिपाए रखना होता है। रिश्तों के लिए खुद से बेईमान होना पड़ता है।

टिप्पणी देखें ( 0 )
आओ हम करें एक छोटी सी शुरुआत

अगर बेटी कहे, "माँ मुझे किसी ने छुआ, मुझे कुछ अजीब सा हुआ", तब उसको बातों में हम ना बहलाएँ। सही-गलत उसे का फर्क समझाएँ।

टिप्पणी देखें ( 0 )
क्यों माँगता है यह समाज औरत से प्रमाण पत्र?

जब लगी पुकारने उन समाज के ठेकेदारों को, तो लेकर लेखा जोखा उसके आज़ाद खयालों का, तो करने लगा हिसाब समाज उसके फटे चीथड़ों का।

टिप्पणी देखें ( 0 )
बस एक बार सखी हाथ बढ़ाना

तुम खुलकर अपनी तड़पन को मुझसे कहना, मेरा वादा है सखी हम न सिर्फ मिलकर राह निकालेंगे। बल्कि अब उस ज़िन्दगी को भी संवारेंगे।

टिप्पणी देखें ( 0 )
category
community-published
और पढ़ें !

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories