कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
द क्वीन्स गैम्बिट सीरीज शह और मात के एक खेल जैसा दिखती है जिसमें किसी की हार नहीं होती है क्योंकि पूरी सीरिज ही दिल जीत लेती है।
पुरुष का रोना हरबार ढूंढता है मां का आँचल, प्रेमिका का काजल, बहन का कांधा, और अपने तकिए का कोना!
नहीं है और मुझको सजना सँवरना, तोड़ दिया मैनें वह दन्भी आईना, सँवारना है अब खुद को खुद से, मुझे मोहब्बत है अपने वजूद से!
मैं यशोधरा का त्याग हूँ या मंदोदरी की विवशता हूँ मैं?, आखिर कौन हूँ मैं?
खटकते, तड़पते,आहें भरते, क्यूँ किसी को याद नहीं आता, मैं भी एक जीती जागती इंसान हूं! मुझे भी तकलीफ़ उतनी ही होती है जितनी तुम्हें।
बहुत ही खूबी लड़की से वो जहां खड़ी होकर मुस्कान सजाती है, मैंने उस आइने में भी कभी उसका अक्स नहीं देखा...
अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!
Please enter your email address