कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
मामा और दादी का जन्मदिन तो एक ही तारीख और महीने में पड़ता है। और हम यहाँ आ जाते है, दादी का जन्मदिन नहीं मनाते।
मैं कल्पना में उसकी तस्वीर साथ रखती हूँ, चलो आज मैं तुम सब से उसकी बात करती हूँ। चलो आज मैं उसे तुम सब पहचान करती हूँ...
मैं रंजनी(आनंदित) हूँ, रजनी(रात)नहीं, मैं, अब सिर्फ मैं हूँ, किसी की अब मैं कोई प्रवंचना नहीं। मैं राही हूँ अपने ही मंज़िल का...
जब एक के बिना दूसरा अपूर्ण हो जाए, तब समझना इस संसार में सबसे बड़ी जीत हंसिल की है तुमने। तब समझना प्रेम पूर्ण हुआ है!
वो भूल गई इस दुनियाँ में स्त्री को ये अधिकार कहाँ, अपने लिए वो जिये सदा दुनिया को ये स्वीकार कहाँ। फिर भी वह आज भी जीती रहती है...
गांधी आज जितने गर्व से याद किए जाते हैं, उसमें बा का सबसे ज़्यादा योगदान है क्योंकि गांधी ने महान बनने की सीढ़ी बा के सहारे ही चढ़ी है।
अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!
Please enter your email address