कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

कम्युनिटी प्रस्तुत
उतने में ही गुज़र बसर करें जितनी ज़रूरत हो…

बस अब तो यही दुआ करती हूं कि यह कठिन समय हम सबकी ज़िन्दगी से चला जाए। साथ ही यह गुज़ारिश करूंगी कि हम सब उतने में ही गुज़र बसर करें जितनी ज़रूरत हो। 

टिप्पणी देखें ( 0 )
प्यारे पापा, तेरे हर संघर्ष का शुक्रिया कुछ बनकर करना चाहती हूं…

मेरे सपनो की उड़ान को पंख लगाकर, ज़िन्दगी का सही मतलब समझाया, तेरे हर संघर्ष का शुक्रिया कुछ बनकर करना चाहती हूं, तेरे हर बलिदान को गर्व महसूस करा ना चाहती हूं!

टिप्पणी देखें ( 0 )
जैसे सब लड़कियाँ सीख लेती हैं, मैंने भी सीखा है अपनी माँ से…

छोटे छोटे बर्तनों में निरा प्रेम पका, थालियों में परोस देना भूख के साथ, मैंने सीखा है स्त्री होना, अपनी माँ से सानिध्य में।

टिप्पणी देखें ( 0 )
क्षणभंगुर जीवन, हम और सपने…

सच यही है, एक दिन सबको जाना है। फिर क्यों करते हो मेरा तेरा, सब खेल ऊपर वाले का है। एक दिन संसार से सबको, अलविदा कह जाना है...

टिप्पणी देखें ( 0 )
आपन भोजपुरी – आज मैं बाबूजी की समस्या समझ गई थी

शहरीकरण के इस दौर में शहरी बनने की होड़ में मैंने और सुधांशु ने अपने बच्चों को अपनी भाषा की विरासत ना दे कर एक विदेशी भाषा का आकर्षण दिया था।

टिप्पणी देखें ( 0 )
हिन्दी और हमारा रवैया

मैं, समिधा नवीन वर्मा, आप से कहना चाहूँगी कि सम्मान सभी भाषाओं का करिए पर अपनी भाषा हिन्दी को अपनाइये, हिन्दी का महत्व समझिए इसका गौरव बढ़ाइये।

टिप्पणी देखें ( 0 )
category
community-published
और पढ़ें !

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories