कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

कम्युनिटी प्रस्तुत
मेरी पत्नी

तुम बीमार जब पड़ती हो, मैं कुछ नहीं संभाल पाता हूँ! बिखरे हुए, घर का हाल देखकर, मैं भी, अंदर से टूट जाता हूँ!

टिप्पणी देखें ( 0 )
तुम याद ना आया करो

छोड़ दो! अब ये जताना कि तुम मेरे हो! ना जाने, कब से? सिमटा-सिमटा सा है! मन मेरा सालों से, तरसा-तरसा सा है!

टिप्पणी देखें ( 0 )
मुझे जीना नहीं आया…

सिखाया तो, बहुत कुछ था माँ ने, पर! मुझे अमल करना, नहीं आया! अपने जज़्बातों को, दिल में कैद कर, मुझे मुस्कुराना, नहीं आया!

टिप्पणी देखें ( 0 )
प्रेम, तुम इन सबके क्यों न हुए ?

क्यों तुम उस स्त्री के पास न फटके, जिसने अपने पति को परमेश्वर समझ, अपनी अंतिम वक्त की नीम बेहोशी में भी, दोनों हाथ जोड़कर, आखिरी बार पूजा!

टिप्पणी देखें ( 0 )
हाँ! तुम मेरे कातिल हो।

हाँ! तुम मेरे कातिल हो। उस रूह के, जिसमें क्षमा थी। उस आत्मा के, जिसमें दया थी। हाँ! तुम मेरे कातिल हो।

टिप्पणी देखें ( 0 )
ऐसा प्यार देखा कहां…

स्‍वरा ने अनुराग से कहा, "मैं न कहती थी तुमसे इस तरह से सबके साथ जो आनंद है त्‍यौहार का वह दुनिया के किसी कोने में नहीं।"

टिप्पणी देखें ( 0 )
category
community-published
और पढ़ें !

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories